Economy
|
Updated on 10 Nov 2025, 12:10 pm
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team
▶
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) के अनुसार, जुलाई-सितंबर 2025 तिमाही के दौरान भारत के श्रम बाजार ने मजबूत लचीलापन दिखाया। प्रमुख सुधारों में श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) का 55.1% तक बढ़ना और महिला LFPR का 33.7% तक उल्लेखनीय वृद्धि शामिल है, जिसका मुख्य कारण ग्रामीण जुड़ाव है। कार्यकर्ता जनसंख्या अनुपात (WPR) में भी थोड़ा सुधार होकर 52.2% हो गया, जिसमें बेहतर महिला समावेशन हुआ। बेरोजगारी दर (UR) घटकर 5.2% रह गई, जिसका मुख्य कारण ग्रामीण बेरोजगारी का 4.4% तक कम होना था, जिसे मौसमी कृषि गतिविधियों और ग्रामीण स्व-रोजगार में 62.8% तक की वृद्धि का समर्थन प्राप्त था। शहरी क्षेत्रों में तृतीयक (सेवा) क्षेत्र में वृद्धि देखी गई, जिसमें 62.0% श्रमिक कार्यरत थे, और नियमित वेतनभोगी रोजगार में 49.8% की मामूली वृद्धि हुई। ये रुझान एक संशोधित PLFS कार्यप्रणाली का अनुसरण करते हैं। प्रभाव: यह सकारात्मक रोजगार डेटा एक मजबूत अर्थव्यवस्था का सुझाव देता है, जिससे उपभोक्ता खर्च और व्यापार विश्वास में वृद्धि हो सकती है। निवेशकों के लिए, यह एक अधिक स्थिर आर्थिक वातावरण का संकेत देता है जो इक्विटी बाजार के प्रदर्शन का समर्थन कर सकता है, विशेष रूप से घरेलू मांग को पूरा करने वाली कंपनियों के लिए। प्रभाव रेटिंग: 7/10.