Economy
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Updated on 06 Nov 2025, 10:31 am
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team
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अक्टूबर में भारत के सेवा क्षेत्र में पिछले पांच महीनों की सबसे धीमी वृद्धि दर्ज की गई, जैसा कि HSBC इंडिया सर्विसेज PMI डेटा से पता चलता है, जो सितंबर के 60.9 से गिरकर 58.9 पर आ गया। यह नरमी व्यवसायों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा और प्रतिकूल मौसम की स्थिति, विशेष रूप से कुछ क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण हुई है।
मुख्य निष्कर्ष: हालांकि वृद्धि धीमी हुई, सूचकांक 50 के तटस्थ अंक से काफी ऊपर बना हुआ है, जो निरंतर विस्तार का संकेत देता है, और यह ऐतिहासिक औसत से भी अधिक है। लगभग 400 फर्मों के सर्वेक्षण में यह बात सामने आई कि मांग मजबूत थी और कर (GST) समायोजन से राहत मिली, वहीं प्रतिस्पर्धी दबावों और मौसम ने गति को प्रभावित किया। भारतीय सेवाओं की बाहरी मांग में भी वृद्धि हुई, हालांकि पिछले महीनों की तुलना में इसकी गति धीमी रही। इनपुट लागत और आउटपुट शुल्क मुद्रास्फीति में नरमी आना एक सकारात्मक संकेत है, जो क्रमशः 14 महीने और 7 महीने के निम्नतम स्तर पर पहुंच गई है, जिसका आंशिक श्रेय जीएसटी (GST) उपायों को जाता है। अगले वर्ष के लिए व्यावसायिक आत्मविश्वास मजबूत बना हुआ है, जिससे फर्मों को नए ऑर्डर प्रबंधित करने के लिए अधिक कर्मचारियों की भर्ती करने में मदद मिल रही है।
प्रभाव: यह खबर भारत के सेवा क्षेत्र, जो अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख घटक है, की विकास गति में मामूली नरमी का संकेत देती है। हालांकि यह संकुचन (contraction) नहीं है, लेकिन यह मंदी निवेशकों के लिए समग्र आर्थिक गति और सेवा उद्योग में कॉर्पोरेट आय पर संभावित प्रभावों का अवलोकन करने का एक बिंदु हो सकती है। लागत मुद्रास्फीति में कमी व्यावसायिक मार्जिन के लिए सकारात्मक है। रेटिंग: 6/10।
परिभाषाएँ: PMI (परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स): यह एक आर्थिक संकेतक है जो विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियों के मासिक सर्वेक्षणों पर आधारित होता है। 50 से ऊपर का रीडिंग विस्तार (expansion) का सुझाव देता है, जबकि 50 से नीचे का रीडिंग संकुचन (contraction) का संकेत देता है। बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स: PMI का यह हिस्सा पिछले महीने की तुलना में व्यवसायों द्वारा प्रदान की गई सेवाओं की मात्रा में परिवर्तन को मापता है। सीजनली एडजस्टेड (Seasonally Adjusted): यह वह डेटा है जिसे नियमित मौसमी विविधताओं के प्रभावों को दूर करने के लिए समायोजित किया गया है, जिससे अवधियों के बीच बेहतर तुलना की जा सके। तटस्थ 50 अंक (Neutral 50 Mark): PMI इंडेक्स में यह बेंचमार्क बिंदु है; 50 से ऊपर का मतलब वृद्धि, 50 से नीचे का मतलब संकुचन। कम्पोजिट PMI: यह एक सूचकांक है जो विनिर्माण (manufacturing) और सेवा क्षेत्रों दोनों के डेटा को जोड़ता है, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था (GDP) में उनके योगदान के अनुसार भारित होता है, ताकि आर्थिक गतिविधि का एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान किया जा सके। GST सुधार: वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax) भारत में वस्तुओं और सेवाओं पर एक व्यापक अप्रत्यक्ष कर है। इस क्षेत्र में सुधार व्यावसायिक संचालन और लागतों को प्रभावित कर सकते हैं। इनपुट लागत (Input Costs): उत्पादन या सेवा वितरण के लिए आवश्यक कच्चे माल, ऊर्जा और अन्य संसाधनों के लिए व्यवसायों द्वारा वहन की जाने वाली लागतें। आउटपुट शुल्क (Output Charges): व्यवसायों द्वारा अपने उत्पादों या सेवाओं के लिए निर्धारित मूल्य।