Economy
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Updated on 12 Nov 2025, 11:08 am
Reviewed By
Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team

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सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर के लिए भारत की उपभोक्ता मुद्रास्फीति रिकॉर्ड निचले स्तर 0.25% पर पहुंच गई। यह वर्तमान उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) श्रृंखला में दर्ज की गई सबसे कम दर है, जो सितंबर के 1.44% से एक तेज गिरावट है। इस गिरावट का मुख्य कारण खाद्य कीमतों में 5.02% की गिरावट और हालिया वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती का पूर्ण प्रभाव था। अनुकूल आधार प्रभाव और तेल, सब्जियों और परिवहन जैसी श्रेणियों में कीमतों में कमी ने भी योगदान दिया। हालांकि अधिकांश राज्यों में कम मुद्रास्फीति देखी गई, वहीं केरल, पंजाब और कर्नाटक जैसे कुछ राज्यों ने सकारात्मक दरें दर्ज कीं, जबकि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में अपस्फीति (deflation) देखी गई।
प्रभाव यह खबर भारतीय शेयर बाजार और अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। कम मुद्रास्फीति एक स्थिर आर्थिक वातावरण की ओर ले जा सकती है, भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति को प्रभावित कर सकती है, और उपभोक्ता/व्यावसायिक विश्वास को बढ़ा सकती है, जिससे कॉर्पोरेट आय और बाजार के विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। रेटिंग: 8/10
कठिन शब्दों की व्याख्या: उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI): उपभोक्ताओं द्वारा खरीदे जाने वाले वस्तुओं और सेवाओं के औसत मूल्य परिवर्तन को ट्रैक करता है। मुख्य मुद्रास्फीति (Headline Inflation): सीपीआई में शामिल सभी वस्तुओं को मिलाकर मापी गई मुद्रास्फीति की कच्ची दर। आधार अंक (Basis Points): प्रतिशत परिवर्तन के लिए माप की एक इकाई; 1 आधार अंक = 0.01%। वस्तु एवं सेवा कर (GST): भारत में वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाने वाला एक अप्रत्यक्ष कर। अनुकूल आधार प्रभाव (Favourable Base Effect): जब पिछले उच्च मुद्रास्फीति की अवधि की तुलना में वर्तमान मुद्रास्फीति कम दिखाई देती है। अपस्फीति के रुझान (Deflationary Trends): वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य स्तर में सामान्य कमी।