Economy
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Updated on 10 Nov 2025, 04:52 pm
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team
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अर्थशास्त्रियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आगामी 2026-27 के केंद्रीय बजट में निजी निवेश को बढ़ावा देने और सीमा शुल्क प्रक्रियाओं (customs procedures) को सरल बनाने को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। बजट-पूर्व परामर्श के दौरान, अकादमिक और वैश्विक वित्तीय संस्थानों (global financial institutions) के शीर्ष विशेषज्ञों ने भारत के निरंतर विकास (sustained growth) के लिए संरचनात्मक सुधारों (structural reforms) को आवश्यक बताया। उन्होंने सरकार को एक स्थिर और पूर्वानुमेय वातावरण (stable and predictable environment) बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी जो व्यवसायों को निवेश के लिए प्रोत्साहित करे।
सरलीकृत सीमा शुल्क व्यवस्था (simplified customs regime) की आवश्यकता, जिसमें प्रलेखन (documentation) का डिजिटलीकरण और निकासी समय (clearance times) को कम करना शामिल है, को व्यापार दक्षता (trade efficiency) और प्रतिस्पर्धात्मकता (competitiveness) बढ़ाने के लिए भी रेखांकित किया गया। प्रतिभागियों ने सुझाव दिया कि कराधान (taxation) से परे सुधार, जैसे नियामक ढांचे (regulatory frameworks) को सुव्यवस्थित करना और शासन (governance) में सुधार करना, आर्थिक गति (economic momentum) बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। वित्तीय समेकन (fiscal consolidation) का समर्थन करते हुए, अर्थशास्त्रियों ने निजी निवेश को मजबूत करने के लिए पूंजीगत व्यय (capital expenditure) जारी रखने की सिफारिश की।
प्रभाव रेटिंग: 8/10 यदि इन सिफारिशों को अपनाया जाता है, तो वे निवेशक के विश्वास (investor confidence) को काफी बढ़ा सकती हैं, दीर्घकालिक पूंजी (long-term capital) आकर्षित कर सकती हैं, और भारत के व्यापार करने में आसानी (ease of doing business) में सुधार कर सकती हैं। सरलीकृत सीमा शुल्क से निर्यातकों (exporters) और निर्माताओं (manufacturers) के लिए लेनदेन लागत (transaction costs) कम हो सकती है, जिससे उनकी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। संरचनात्मक सुधारों और निजी निवेश के पुनरुद्धार पर ध्यान केंद्रित करने से उच्च आर्थिक विकास (economic growth) को बढ़ावा मिल सकता है और भारतीय व्यवसायों और निवेशकों के लिए अधिक अवसर पैदा हो सकते हैं।
कठिन शब्द * **निजी निवेश (Private Investment):** वह पैसा जो सरकार के बजाय व्यक्तियों या कंपनियों द्वारा व्यवसायों में निवेश किया जाता है। * **सीमा शुल्क प्रक्रियाएं (Customs Procedures):** किसी देश में माल लाने या बाहर ले जाने से संबंधित आधिकारिक नियम और कदम। * **संरचनात्मक सुधार (Structural Reforms):** अर्थव्यवस्था को व्यवस्थित या प्रबंधित करने के तरीके में मौलिक परिवर्तन, जिनका उद्देश्य दीर्घकालिक सुधार करना है। * **वित्तीय अनुशासन (Fiscal Discipline):** अत्यधिक ऋण से बचने के लिए सरकारी खर्च और राजस्व का सावधानीपूर्वक प्रबंधन। * **राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit):** सरकारी खर्च और उसके राजस्व के बीच का अंतर, जो दर्शाता है कि सरकार को कितनी उधार लेने की आवश्यकता है। * **पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure):** सरकार द्वारा संपत्ति पर किया गया खर्च जो देश को लंबे समय तक लाभ पहुंचाएगा, जैसे कि बुनियादी ढांचा। * **व्यापार दक्षता (Trade Efficiency):** सीमाओं के पार सामानों को कितनी जल्दी और लागत प्रभावी ढंग से ले जाया जा सकता है।