Economy
|
Updated on 12 Nov 2025, 01:01 pm
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team

▶
भारतीय जॉब मार्केट एक महत्वपूर्ण उछाल का अनुभव कर रहा है, जिसमें हायरिंग इंटेंट पिछले वर्ष के 9.75% से बढ़कर 11% हो गया है, जैसा कि टैग्ड (Taggd) द्वारा कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) के सहयोग से जारी "इंडिया डीकोडिंग जॉब्स 2026 रिपोर्ट" में बताया गया है। यह वृद्धि डिजिटल प्रगति और औपचारिकता द्वारा संचालित रिकवरी से नवप्रवर्तन (reinvention) की ओर एक बदलाव का संकेत देती है। रिपोर्ट 2026 को अनुभवी पेशेवरों, विशेष रूप से 6 से 15+ वर्षों के अनुभव वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष के रूप में उजागर करती है, क्योंकि कंपनियां मिड-लेवल से सीनियर टैलेंट को तेजी से प्राथमिकता दे रही हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भर्ती प्रक्रिया में क्रांति ला रहा है, जिसमें 60% भर्तीकर्ता रिज्यूमे स्क्रीनिंग के लिए AI का उपयोग कर रहे हैं और 45% इंटरव्यू ऑटोमेशन के लिए। इसके अलावा, संगठन टियर II शहरों का भी लाभ उठा रहे हैं, जिनसे 2026 में 32% नौकरियों की मेजबानी करने का अनुमान है, ताकि लागत दक्षता और नए कौशल सेट प्राप्त किए जा सकें। उच्च-मांग वाली भूमिकाओं में AI/ML इंजीनियर, सॉल्यूशंस आर्किटेक्ट, डिजिटल और डेटा विशेषज्ञ, GenAI, क्लाउड कंप्यूटिंग, साइबर सुरक्षा और स्थिरता विशेषज्ञ शामिल हैं। प्रभाव: हायरिंग की यह सकारात्मक प्रवृत्ति आर्थिक विस्तार और व्यावसायिक विश्वास का एक मजबूत संकेतक है, जो उपभोक्ता खर्च और कॉर्पोरेट निवेश में वृद्धि का कारण बन सकती है। स्टॉक मार्केट के लिए, एक मजबूत जॉब मार्केट अक्सर उच्च कॉर्पोरेट आय से जुड़ा होता है और बाजार की रैलियों को बढ़ावा दे सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जो BFSI, मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे महत्वपूर्ण हायरिंग मोमेंटम का अनुभव कर रहे हैं। भर्ती में AI को अपनाना व्यवसायों में प्रौद्योगिकी एकीकरण की ओर भी इशारा करता है। यह खबर एक स्वस्थ आर्थिक दृष्टिकोण का सुझाव देती है, जो व्यापक भारतीय स्टॉक मार्केट के लिए फायदेमंद हो सकती है। रेटिंग: 7/10। कठिन शब्द: Artificial Intelligence (AI): ऐसी तकनीक जो मशीनों को ऐसे कार्य करने में सक्षम बनाती है जिनके लिए आम तौर पर मानव बुद्धि की आवश्यकता होती है, जैसे सीखना, समस्या-समाधान और निर्णय लेना। BFSI: बैंकिंग, वित्तीय सेवाएँ और बीमा क्षेत्र के लिए है। GCCs: ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स को संदर्भित करता है, जो बहुराष्ट्रीय कंपनियों की ऑफशोर इकाइयाँ हैं जो IT, KPO और R&D सेवाएँ प्रदान करती हैं। GenAI: जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, AI का एक प्रकार जो टेक्स्ट, चित्र या कोड जैसी नई सामग्री बना सकता है। KPO: नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग, जहाँ उच्च-स्तरीय ज्ञान-आधारित कार्यों को आउटसोर्स किया जाता है।