Economy
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Updated on 16 Nov 2025, 09:50 am
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने हाल ही में मॉस्को में प्रस्तावित भारत-यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (EAEU) मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर प्रगति को तेज करने के लिए उच्च-स्तरीय बैठकें कीं। अपनी यात्रा के दौरान, अग्रवाल ने यूरेशियन इकोनॉमिक कमीशन में व्यापार मंत्री आंद्रेई स्लेपनेव (Andrey Slepnev) और रूस के उप-उद्योग और व्यापार मंत्री मिखाइल यूरिन (Mikhail Yurin) से मुलाकात की। इन चर्चाओं का उद्देश्य पिछले समझौतों पर आगे बढ़ना था और व्यापार में विविधता लाना, आपूर्ति-श्रृंखला लचीलापन बढ़ाना, नियामक पूर्वानुमेयता (regulatory predictability) सुनिश्चित करना और संतुलित आर्थिक विकास को बढ़ावा देना था। इन वार्ताओं को आगे बढ़ाने वाला एक प्रमुख उद्देश्य नेताओं द्वारा निर्धारित महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, जिसका लक्ष्य 2030 तक भारत और EAEU ब्लॉक के बीच 100 बिलियन डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को प्राप्त करना है। श्री स्लेपनेव के साथ बातचीत में विशेष रूप से माल (goods) में भारत-EAEU FTA के अगले कदमों की समीक्षा की गई। अगस्त 2025 में हस्ताक्षरित 'टर्म्स ऑफ रेफरेंस' (Terms of Reference), एक 18 महीने की कार्य योजना की रूपरेखा तैयार करते हैं, जिसे भारतीय व्यवसायों, जिनमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs), किसानों और मछुआरों के लिए नए बाजार के अवसर पैदा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। बातचीत में सेवाओं (services) और निवेश (investment) के रास्ते भी शामिल होंगे। उप-मंत्री यूरिन के साथ चर्चाओं में, महत्वपूर्ण खनिजों (critical minerals) में सहयोग गहरा करने और व्यापार विविधीकरण (trade diversification) को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। फार्मास्यूटिकल्स, टेलीकॉम उपकरण, मशीनरी, चमड़ा, ऑटोमोबाइल और रसायन जैसे क्षेत्रों में विशिष्ट अवसरों की खोज की गई। दोनों पक्षों ने प्रमाणीकरण (certifications), कृषि और समुद्री व्यवसाय लिस्टिंग (agricultural and marine business listings), गैर-टैरिफ बाधाओं (non-tariff barriers) और एकाधिकार प्रथाओं (monopolistic practices) जैसे मुद्दों को संबोधित करने के लिए नियमित रेगुलेटर-से-रेगुलेटर जुड़ाव के लिए प्रतिबद्धता जताई, जिससे व्यापार करने में आसानी में सुधार हो। एक उद्योग प्लेनरी (industry plenary) में, अग्रवाल ने भारतीय और रूसी व्यवसायों को 2030 व्यापार लक्ष्य के साथ अपने निवेश को संरेखित करने के लिए प्रोत्साहित किया, भारत के बुनियादी ढांचे के उन्नयन (infrastructure upgrades) और डिजिटल प्रगति (digital advancements) पर प्रकाश डाला। जोर भारत के निर्यात टोकरी (export basket) का विस्तार करने, आपूर्ति श्रृंखलाओं को जोखिम-मुक्त (de-risking supply chains) करने और पहलों को ठोस अनुबंधों में बदलने पर था जो मूल्य, मात्रा और रोजगार को बढ़ाते हैं। भारत, रूस को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की अपनी राष्ट्रीय दृष्टि में एक महत्वपूर्ण भागीदार मानता है। प्रभाव: इस खबर का भारतीय शेयर बाजार पर मध्यम प्रभाव पड़ता है। EAEU ब्लॉक के साथ FTA पर प्रगति से विभिन्न भारतीय उद्योगों के लिए नए निर्यात अवसर पैदा हो सकते हैं और व्यापार की गतिशीलता में सुधार हो सकता है। यदि समझौता अंतिम रूप दिया जाता है और प्रभावी ढंग से लागू किया जाता है, तो फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल, रसायन और मशीनरी क्षेत्रों में कंपनियों को संभावित वृद्धि दिख सकती है। यह आर्थिक संबंधों को गहरा करने के एक रणनीतिक प्रयास का संकेत देता है, जिससे निवेश और व्यापार प्रवाह में वृद्धि हो सकती है, जो अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य में शामिल क्षेत्रों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। Impact Rating: 7/10 Difficult Terms: यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (EAEU), मुक्त व्यापार समझौता (FTA), टर्म्स ऑफ रेफरेंस, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs), नियामक पूर्वानुमेयता (Regulatory Predictability), गैर-टैरिफ बाधाएं (Non-tariff Barriers), द्विपक्षीय व्यापार (Bilateral Trade), विकसित भारत (Viksit Bharat)।