Economy
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Updated on 07 Nov 2025, 04:03 am
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team
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भारतीय इक्विटी बेंचमार्क में ज़्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं है, जो हफ़्ते की हल्की गिरावट को सीमित करेगा। प्रॉफिट-टेकिंग से सकारात्मक कॉर्पोरेट नतीजों और भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में प्रगति की उम्मीदों को ऑफ़सेट (संतुलित) करने की उम्मीद है। निफ्टी 50 और सेंसेक्स दोनों ने इस हफ़्ते क़रीब 0.8% की गिरावट का अनुभव किया है, जो अक्टूबर में 4.5% की काफ़ी बढ़ोतरी के बाद आई है। एशियाई बाज़ारों ने वॉल स्ट्रीट की गिरावट को दर्शाया, जो AI स्टॉक्स में बिकवाली और चल रहे अमेरिकी सरकारी शटडाउन से आर्थिक अनिश्चितता से प्रभावित था। भारतीय इक्विटी में लगातार विदेशी आउटफ्लो के बीच प्रॉफिट-टेकिंग हो रही है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) ने गुरुवार को लगातार छठे कारोबारी सत्र में ₹32.63 बिलियन ($371.24 मिलियन) के शेयर नेट बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) ने ₹52.84 बिलियन के शेयर नेट खरीदे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चल रही व्यापार वार्ताओं के बीच, बातचीत में सकारात्मक प्रगति और यात्रा की योजनाओं का संकेत दिया। भारत को रूस से तेल ख़रीदने पर जवाबी कार्रवाई के तौर पर, अमेरिका को किए जाने वाले निर्यात पर 50% की दंडात्मक टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है। व्यक्तिगत स्टॉक्स में, ल्यूपिन (Lupin) में तेज़ी आ सकती है, जो कि इसके रेस्पिरेटरी ड्रग्स की मज़बूत मांग के कारण दूसरी तिमाही के लाभ में 73.3% की वृद्धि से प्रेरित है। लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) भी उच्च तिमाही लाभ और बेहतर मार्जिन की रिपोर्ट करने के बाद बढ़ सकता है। GMM Pfaudler ने समेकित लाभ (consolidated profit) में साल-दर-साल लगभग तीन गुना वृद्धि की सूचना दी। Mankind Pharma ने लगातार चौथी तिमाही में लाभ में गिरावट दर्ज की। अपोलो हॉस्पिटल्स ने दूसरी तिमाही के लाभ की उम्मीदों को पूरा नहीं किया। Amara Raja ने दूसरी तिमाही के लाभ के अनुमानों को पार किया। जेफ़रीज़ के अनुसार, तिमाही नतीजे रिपोर्ट करने वाली लगभग 40% भारतीय कंपनियों को अर्निंग्स अपग्रेड मिले हैं। प्रभाव (Impact): यह ख़बर भारतीय बाज़ार के लिए निकट अवधि में मिश्रित दृष्टिकोण का सुझाव देती है। प्रॉफिट-टेकिंग और विदेशी आउटफ्लो से कुछ समेकन (consolidation) हो सकता है, जबकि मज़बूत घरेलू मांग और सकारात्मक कॉर्पोरेट आय अंतर्निहित समर्थन प्रदान करते हैं। भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में प्रगति भी एक सकारात्मक उत्प्रेरक (catalyst) हो सकती है। व्यक्तिगत स्टॉक का प्रदर्शन उनके विशिष्ट नतीजों और दृष्टिकोण पर निर्भर करेगा। भारतीय शेयर बाज़ार पर प्रभाव मध्यम है, जिसे 6/10 का दर्जा दिया गया है।