Economy
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Updated on 04 Nov 2025, 05:55 am
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team
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भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच स्वच्छ औद्योगिक परिवर्तन में अग्रणी बनने के लिए प्रयासरत है, जिसके पास 53 स्वच्छ-उद्योग परियोजनाओं का एक पाइपलाइन है, जो महत्वपूर्ण 'नई औद्योगिक सनबेल्ट' में ऑस्ट्रेलिया के साथ सबसे अधिक संख्या है। हालाँकि, मिशन पॉसिबल पार्टनरशिप की एक रिपोर्ट उन महत्वपूर्ण बाधाओं को उजागर करती है जो इन परियोजनाओं को आगे बढ़ने से रोक रही हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि इन 53 परियोजनाओं में से किसी को भी इस साल अंतिम निवेश निर्णय (final investment decisions) नहीं मिला है।
रिपोर्ट कई प्रमुख बाधाओं की पहचान करती है: पुराने निर्माण नियम और धीमी नियामक सुधार स्वच्छ प्रौद्योगिकियों को अपनाने में बाधा डाल रहे हैं, खासकर सीमेंट उद्योग में। भारत जैसे उभरते बाजारों में उच्च वित्तपोषण लागत भी स्वच्छ-उद्योग परियोजनाओं को कम बैंकयोग्य (bankable) बनाती है। हालाँकि कुछ परियोजनाओं ने खरीदार और आंशिक धन सुरक्षित कर लिया है, फिर भी वे स्पष्ट नियमों, परमिटों और बिजली पारेषण पहुंच (power transmission access) जैसे आवश्यक बुनियादी ढांचे की प्रतीक्षा में अटकी हुई हैं।
इसके अलावा, भारत में मांग-पक्ष विनियमन (demand-side regulation) की कमी, जैसे कि स्वच्छ उत्पादों को मिलाने के जनादेश (blending mandates) या हरित खरीद नियम (green procurement rules), एक महत्वपूर्ण अंतर है जो टिकाऊ औद्योगिक वस्तुओं (sustainable industrial goods) के लिए बाजार की मांग को प्रोत्साहित करने में विफल रहता है।
**प्रभाव** इस स्थिति का भारत के आर्थिक भविष्य और उसके जलवायु लक्ष्यों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। यदि इन नीतिगत और नियामक अंतरालों को संबोधित नहीं किया गया, तो भारत उन अन्य क्षेत्रों से पीछे रह सकता है जो वैश्विक औद्योगिक परिवर्तन की ओर डीकार्बोनाइजेशन में सक्रिय रूप से निवेश कर रहे हैं और लाभ उठा रहे हैं। रिपोर्ट भारत की स्थिति की तुलना चीन से करती है, जिसने इस साल वैश्विक स्वच्छ-उद्योग निवेश निर्णयों का एक बड़ा बहुमत हासिल किया है। यह खबर उन निवेशकों के लिए अत्यधिक प्रासंगिक है जो भारतीय विनिर्माण, ऊर्जा और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों के भविष्य को देख रहे हैं, साथ ही स्थिरता और आर्थिक प्रतिस्पर्धात्मकता के राष्ट्र की प्रतिबद्धता को भी। रेटिंग: 7/10।
**परिभाषाएँ** * स्वच्छ-उद्योग परिवर्तन: उद्योगों को ऐसी प्रक्रियाओं और उत्पादों की ओर स्थानांतरित करना जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और पर्यावरणीय प्रभाव को काफी कम करते हैं। * उभरती अर्थव्यवस्थाएं: वे देश जो तेजी से विकास और औद्योगिकीकरण की प्रक्रिया में हैं, विकसित स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं। * परियोजना पाइपलाइन: संभावित परियोजनाओं की एक सूची या संग्रह जो योजना और विकास के विभिन्न चरणों में हैं। * नई औद्योगिक सनबेल्ट: नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों से समृद्ध देशों को संदर्भित करने वाला एक शब्द, जिसे वैश्विक डीकार्बोनाइजेशन प्रयासों के अगले चरण के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। * डीकार्बोनाइजेशन: वायुमंडल में छोड़े जाने वाले कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को कम करने की प्रक्रिया। * अंतिम निवेश निर्णय (FID): वह बिंदु जब कोई कंपनी किसी परियोजना को पूरी तरह से वित्तपोषित करने और बनाने के लिए आवश्यक पूंजी प्रतिबद्ध करती है। * कैल्साइंड क्ले (Calcined clay): एक प्रकार की मिट्टी जिसे उच्च तापमान पर गर्म किया गया है, कंक्रीट में एक पूरक सीमेंटयुक्त सामग्री (supplementary cementitious material) के रूप में इसके कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है। * कम-कार्बन सीमेंट मिश्रण (Low-carbon cement blends): सीमेंट निर्माण से जुड़े समग्र कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए वैकल्पिक सामग्री या प्रक्रियाओं को शामिल करने वाले सीमेंट फॉर्मूलेशन। * बैंकयोग्यता (Bankability): ऋणदाताओं से वित्तपोषण सुरक्षित करने के लिए एक परियोजना की क्षमता, जो आम तौर पर उसकी वित्तीय व्यवहार्यता और जोखिम प्रोफाइल पर आधारित होती है। * मांग-पक्ष विनियमन (Demand-side regulation): सरकारी नीतियां जिनका उद्देश्य जनादेश या प्रोत्साहन जैसी विशिष्ट उत्पादों या सेवाओं की उपभोक्ता या औद्योगिक मांग को प्रभावित करना है। * सम्मिश्रण जनादेश (Blending mandates): ऐसे नियम जो अंतिम वस्तुओं में किसी विशिष्ट उत्पाद (जैसे, सीमेंट में कम-कार्बन सामग्री) के निश्चित प्रतिशत के उपयोग या समावेश की आवश्यकता होती है। * हरित खरीद नियम (Green procurement rules): ऐसी नीतियां जो सरकारी एजेंसियों या निगमों को पर्यावरण की दृष्टि से पसंदीदा उत्पादों और सेवाओं को खरीदने की आवश्यकता होती है। * सक्षम नीतिगत ढांचे (Enabling policy frameworks): सहायक कानूनों, विनियमों और सरकारी रणनीतियों का एक सेट जो विशिष्ट आर्थिक गतिविधियों या संक्रमणों को सुविधाजनक बनाने और प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
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