Economy
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Updated on 30 Oct 2025, 04:44 pm
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
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भारत के यूनियन बजट 2026-27 की तैयारियाँ शुरू हो गई हैं, जो 1 फरवरी 2026 को पेश किया जाएगा। वित्त मंत्रालय ने व्यापार और उद्योग से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संरचनाओं पर प्रस्ताव मांगे हैं, जिसमें दर युक्तिकरण (rate rationalisation) और अनुपालन को सरल बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसके लिए सुझाव 10 नवंबर तक देने हैं। यह आगामी बजट विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 1 अप्रैल 2026 से लागू होने वाले नए आयकर अधिनियम, 2025 से पहले का अंतिम पूर्ण बजट होगा, जो मौजूदा छह दशक पुराने कानून को प्रतिस्थापित करेगा।
करदाताओं की काफी उम्मीदें हैं। पुरानी कर व्यवस्था के तहत कई लोग मूल छूट सीमा (basic exemption limit) बढ़ाने और धारा 80C (जो वर्तमान में 1.5 लाख रुपये है) के तहत कटौती सीमा को 2 लाख रुपये करने की उम्मीद कर रहे हैं, साथ ही कर स्लैब में सुधार की भी आशा है। वे नई कर व्यवस्था के साथ समानता भी चाहते हैं, जिसमें पहले कर-मुक्त आय 12 लाख रुपये बढ़ाई गई थी और मानक कटौती (standard deduction) शुरू की गई थी। गृह ऋण ब्याज, चिकित्सा व्यय के लिए कटौती और वरिष्ठ नागरिकों के लिए लाभों की भी उम्मीदें हैं।
आयकर अधिनियम, 2025 में परिवर्तन से कर फाइलिंग और रिफंड प्रक्रियाओं को सरल बनाने की उम्मीद है। नए अधिनियम की मुख्य विशेषताओं में सरल भाषा, कम धाराएँ, 'सेसमेंट वर्ष' (assessment year) को 'टैक्स वर्ष' (tax year) से बदलना, और विलंबित फाइलिंग के लिए भी रिफंड की अनुमति देना शामिल है।
इसके अतिरिक्त, करदाता विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों पर युक्तिसंगत पूंजीगत लाभ कर संरचनाओं (rationalised capital gains tax structures) और डिजिटल संपत्तियों और वैश्विक आय के कराधान पर अधिक स्पष्टता चाहते हैं।
प्रभाव: यह बजट और आगामी नया कर कानून, व्यक्तिगत करदाताओं की प्रयोज्य आय, निवेश निर्णयों और समग्र अनुपालन बोझ पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। सरकार के लिए, यह राजकोषीय विवेक (fiscal prudence) और राहत प्रदान करने के बीच संतुलन बनाने का कार्य है, जो राजस्व संग्रह और आर्थिक भावना को प्रभावित कर सकता है। इस परिवर्तन से एक अधिक अनुमानित और नागरिक-अनुकूल कर वातावरण को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। Impact Rating: 8/10
कठिन शब्द: Union Budget: सरकार का वार्षिक वित्तीय विवरण जो आगामी वित्तीय वर्ष के लिए उसकी आय और व्यय की योजनाओं को रेखांकित करता है। Finance Minister: देश के वित्त के लिए जिम्मेदार वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, जो बजट पेश करता है। Tax Measures: कर कानूनों या नीतियों में बदलाव के लिए विशिष्ट प्रस्ताव। Revenue: सरकार द्वारा उत्पन्न आय, मुख्य रूप से करों के माध्यम से। Direct Tax: किसी व्यक्ति या संगठन की आय या संपत्ति पर सीधे लगाया गया कर (जैसे, आयकर)। Indirect Tax: वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया गया कर, जिसे मध्यस्थ द्वारा उस व्यक्ति से एकत्र किया जाता है जो कर का अंतिम आर्थिक बोझ वहन करता है (जैसे, GST)। Rate Rationalisation: कर दरों को अधिक तार्किक बनाकर या कर स्लैब की संख्या कम करके उन्हें सरल बनाने की प्रक्रिया। Compliance Simplification: कर कानूनों का पालन करने और कर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को करदाताओं के लिए आसान बनाना। Tax Research Unit (TRU): राजस्व विभाग के भीतर एक विशेष इकाई जो कर परिवर्तनों के प्रस्तावों की जांच और समीक्षा करती है। Taxpayers: सरकार को कर भुगतान करने के लिए उत्तरदायी व्यक्ति या संस्थाएँ। New Tax Regime: एक वर्तमान आयकर प्रणाली जो आम तौर पर कम कर दरें प्रदान करती है लेकिन कम कटौतियाँ और छूट देती है। Old Tax Regime: पारंपरिक आयकर प्रणाली जो विभिन्न कटौतियों और छूटों की अनुमति देती है। Rebate: भुगतान किए जाने वाले कर की राशि में कमी, जो अक्सर आय स्तर जैसी विशिष्ट शर्तों पर आधारित होती है। Standard Deduction: वेतनभोगी व्यक्तियों द्वारा अपनी कुल आय से कर योग्य आय की गणना से पहले कटौती की जाने वाली एक निश्चित राशि। Section 87A: आयकर अधिनियम में एक प्रावधान जो उन व्यक्तियों के लिए कर छूट प्रदान करता है जिनकी कुल आय एक निर्दिष्ट सीमा से अधिक नहीं होती है। Section 80C: आयकर अधिनियम का एक खंड जो जीवन बीमा प्रीमियम, ट्यूशन फीस, और EPF में योगदान जैसे कुछ निवेशों और खर्चों पर कटौती की अनुमति देता है। Section 80D: आयकर अधिनियम का एक खंड जो स्वयं, परिवार, या माता-पिता के लिए भुगतान किए गए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कटौती की अनुमति देता है। Basic Exemption Limit: वार्षिक आय की न्यूनतम राशि जिस पर कोई आयकर नहीं लगता है। Capital Gains Taxation: स्टॉक, बॉन्ड, संपत्ति, या म्यूचुअल फंड जैसी संपत्तियों की बिक्री से होने वाले लाभ पर लगाया जाने वाला कर। Income Tax Act, 2025: संसद द्वारा अनुमोदित एक नया व्यापक कानून जो मौजूदा आयकर अधिनियम को प्रतिस्थापित करेगा, जिसका उद्देश्य कर नियमों को आधुनिक बनाना और सरल बनाना है। EPF (Employees' Provident Fund): एक सेवानिवृत्ति बचत योजना जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता वेतन का एक हिस्सा योगदान करते हैं। TDS (Tax Deducted at Source): एक तंत्र जिसमें भुगतानकर्ता, भुगतानकर्ता को भुगतान करने से पहले एक निर्दिष्ट दर पर कर काटता है और उसे सरकार में जमा करता है। Assessment Year: वह वर्ष जिसमें पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान अर्जित आय का कर उद्देश्यों के लिए मूल्यांकन किया जाता है। Tax Year: नए अधिनियम में 'assessment year' को बदलने वाला शब्द, जो उस अवधि को संदर्भित करता है जिसके लिए आयकर की गणना की जाती है। Digital Assets: ऐसी संपत्तियाँ जो केवल डिजिटल रूप में मौजूद हैं, जैसे क्रिप्टोकरेंसी, NFTs, या डिजिटल संग्रहणीय वस्तुएँ। ESOPs (Employee Stock Options): कंपनियों द्वारा प्रदान किया जाने वाला एक लाभ जो कर्मचारियों को पूर्व-निर्धारित मूल्य पर कंपनी के शेयर खरीदने की अनुमति देता है। Fiscal Prudence: सरकारी वित्त का सावधानीपूर्वक और जिम्मेदार प्रबंधन, खर्च और ऋण को नियंत्रित करने पर ध्यान केंद्रित करना।
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