Economy
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Updated on 07 Nov 2025, 01:00 pm
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team
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भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए बातचीत का चौथा दौर संपन्न हो गया है, जिसमें दोनों देशों ने इसे जल्द अंतिम रूप देने पर सहमति जताई है। भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और उनके न्यूजीलैंड समकक्ष टॉड मैक्ले की उपस्थिति में हुई इन वार्ताओं में माल बाजार पहुंच (goods market access), सेवाएं (services), आर्थिक और तकनीकी सहयोग (economic and technical cooperation), और निवेश के अवसर (investment opportunities) जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया। मंत्री गोयल ने तीव्र प्रगति पर आशा व्यक्त की है और एक व्यापक समझौते के शीघ्र निष्कर्ष की उम्मीद जताई है जो दोनों देशों के बढ़ते रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी के अनुरूप हो।
अपनी यात्रा के दौरान, मंत्री गोयल ने व्यापार और निवेश बढ़ाने के तरीकों का पता लगाने के लिए न्यूजीलैंड के व्यापारिक नेताओं से भी बातचीत की। सहयोग के संभावित क्षेत्रों में कृषि, पर्यटन, प्रौद्योगिकी, शिक्षा, खेल, गेमिंग और ड्रोन प्रौद्योगिकी शामिल हैं। भारत की इस क्षेत्र में प्रगति को देखते हुए, अंतरिक्ष सहयोग (space collaboration) को भी भविष्य की संलग्नता के लिए एक आशाजनक क्षेत्र के रूप में पहचाना गया।
भारत और न्यूजीलैंड के बीच द्विपक्षीय माल व्यापार (bilateral merchandise trade) 2024-25 में 1.3 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 49 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्शाता है। एक FTA में आमतौर पर देश अधिकांश व्यापारित वस्तुओं पर सीमा शुल्क (customs duties) को काफी हद तक कम या समाप्त कर देते हैं और माल और सेवाओं दोनों में व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए नियमों को आसान बनाते हैं।
प्रभाव: इस FTA के अंतिम रूप से द्विपक्षीय व्यापार और निवेश प्रवाह में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है। यह कपड़ा, फार्मास्यूटिकल्स और ऑटोमोटिव जैसे क्षेत्रों में भारतीय निर्यातकों के लिए बाजार पहुंच बढ़ा सकता है, जबकि भारतीय उपभोक्ताओं और उद्योगों को न्यूजीलैंड के कृषि उत्पादों, डेयरी और अन्य वस्तुओं तक कम लागत पर पहुंच प्रदान कर सकता है। इससे दोनों देशों के बीच आयात-निर्यात गतिविधियों में शामिल कंपनियों और सस्ते कच्चे माल का लाभ उठाने वाली कंपनियों के स्टॉक मूल्यों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। रेटिंग: 7/10।
कठिन शर्तें (Difficult terms):
मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement - FTA): दो या दो से अधिक देशों के बीच व्यापार और निवेश की बाधाओं को कम करने या समाप्त करने का एक समझौता।
माल बाजार पहुंच (Goods market access): देशों के बीच आयात और निर्यात किए जाने वाले सामानों के नियम और शर्तें, जिनमें टैरिफ और कोटा शामिल हैं।
सेवाएं (Services): अमूर्त आर्थिक गतिविधियाँ, जैसे बैंकिंग, पर्यटन, शिक्षा और दूरसंचार।
आर्थिक और तकनीकी सहयोग (Economic and technical cooperation): साझा ज्ञान, प्रौद्योगिकी और संसाधनों के माध्यम से अपनी अर्थव्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए देशों के बीच संयुक्त प्रयास।
द्विपक्षीय माल व्यापार (Bilateral merchandise trade): दो देशों के बीच व्यापार किए गए सामानों (भौतिक उत्पादों) का कुल मूल्य।
सीमा शुल्क (Customs duties): आयातित वस्तुओं पर सरकार द्वारा लगाया गया कर।