Economy
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Updated on 14th November 2025, 1:23 PM
Author
Satyam Jha | Whalesbook News Team
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने निर्यातकों के लिए शिपमेंट की रकम प्राप्त करने और वापस लाने की अवधि को 9 से बढ़ाकर 15 महीने कर दिया है, जिसका लक्ष्य अमेरिकी टैरिफ से उत्पन्न वित्तीय तनाव को कम करना है। इसके साथ, सरकार ने ₹45,000 करोड़ से अधिक की दो नई निर्यात संवर्धन योजनाओं को मंजूरी दी है, जो भारत के निर्यात और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने वाली हैं।
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने निर्यातकों को उनके शिपमेंट की रकम 15 महीने की अवधि के भीतर प्राप्त करने की अनुमति दी है, जो पिछले 9 महीने की सीमा से एक महत्वपूर्ण विस्तार है। इस निर्णय का उद्देश्य उन निर्यातकों का समर्थन करना है जो वित्तीय दबाव का सामना कर रहे हैं, जिसका एक बड़ा कारण संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाया गया 50% टैरिफ है, जो 27 अगस्त से प्रभावी हुआ था। विदेशी मुद्रा प्रबंधन (वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात) विनियमों में किए गए संशोधन, जैसा कि RBI के क्षेत्रीय निदेशक रोहित पी दास ने घोषित किया है, आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशन से प्रभावी होंगे। यह ध्यान देने योग्य है कि RBI ने पहले COVID-19 महामारी के दौरान 2020 में इस समय सीमा को 15 महीने तक बढ़ाया था। इसके साथ ही, सरकार ने ₹45,000 करोड़ से अधिक के संयुक्त परिव्यय वाली दो प्रमुख योजनाओं को मंजूरी दी है: निर्यात संवर्धन मिशन (₹25,060 करोड़) और क्रेडिट गारंटी योजना (₹20,000 करोड़)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये पहलें निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएंगी, विशेष रूप से MSMEs और श्रम-गहन क्षेत्रों को लाभान्वित करेंगी। प्रभाव: नियामक छूट और वित्तीय सहायता का यह दोहरा दृष्टिकोण भारतीय निर्यातकों को काफी राहत प्रदान करने वाला है। विस्तारित प्राप्ति अवधि बेहतर नकदी प्रवाह प्रबंधन प्रदान करती है, जबकि सरकारी योजनाएं विकास और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखती हैं। इससे भारत के व्यापार संतुलन और समग्र आर्थिक भावना पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। रेटिंग: 8/10 कठिन शब्द: * **Realise proceeds**: निर्यात की गई वस्तुओं या सेवाओं के लिए भुगतान प्राप्त करना। * **Repatriate**: विदेशी देश में अर्जित धन को अपने देश वापस लाना। * **Tariff**: आयातित या निर्यातित वस्तुओं पर सरकार द्वारा लगाया गया कर। * **Foreign Exchange Management (Export of Goods & Services) Regulations**: भारत में निर्यात लेनदेन और विदेशी मुद्रा के प्रबंधन को नियंत्रित करने वाले RBI द्वारा स्थापित नियम। * **Gazette notification**: सरकारी गजट में प्रकाशित सरकारी निर्णयों, कानूनों या विनियमों का एक आधिकारिक सार्वजनिक रिकॉर्ड। * **MSMEs**: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, जिन्हें उनके निवेश आकार और वार्षिक टर्नओवर के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।