Economy
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Updated on 12 Nov 2025, 09:19 am
Reviewed By
Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली में तीसरी पूर्व-बजट परामर्श बैठक का नेतृत्व किया, जिसका मुख्य ध्यान यूनियन बजट 2026-27 की तैयारियों पर था। इस सत्र में विशेष रूप से माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र के हितधारकों (stakeholders) को शामिल किया गया ताकि उनकी मुख्य चुनौतियों पर चर्चा की जा सके और उनके विकास एवं प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के उपायों की पहचान की जा सके। बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और वित्त मंत्रालय तथा MSME मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। यह परामर्श वार्षिक बजट निर्माण प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहाँ वित्त मंत्रालय विभिन्न उद्योग समूहों से महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया और सुझाव एकत्र करता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यूनियन बजट व्यापक आर्थिक दृष्टिकोणों को प्रतिबिंबित करे और विभिन्न क्षेत्रों की आवश्यकताओं को सीधे संबोधित करे। वित्त मंत्री ने पहले प्रमुख अर्थशास्त्रियों से भी परामर्श किया था। यूनियन बजट 2026-27 के 1 फरवरी, 2026 को पेश होने की उम्मीद है। प्रभाव: इस खबर का भारतीय शेयर बाजार पर मध्यम प्रभाव पड़ता है, जो मुख्य रूप से MSME क्षेत्र के प्रति निवेशक की भावना को प्रभावित करता है। हालांकि सीधे स्टॉक की कीमतों में तुरंत उतार-चढ़ाव नहीं हो सकता है, लेकिन चर्चाएं ऐसी नीतिगत बदलावों या प्रोत्साहनों की ओर ले जा सकती हैं जो MSME क्षेत्र की सूचीबद्ध कंपनियों को लाभ पहुंचाएं या उनके परिचालन माहौल को प्रभावित करें। प्रभाव रेटिंग: 6/10 कठिन शब्द: यूनियन बजट, MSME, हितधारक (Stakeholders), आर्थिक कार्य विभाग (Department of Economic Affairs)।