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प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अनिल अंबानी को फिर समन भेजा

Economy

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Updated on 06 Nov 2025, 11:12 am

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Reviewed By

Satyam Jha | Whalesbook News Team

Short Description:

रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी को कथित बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए 14 नवंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समन भेजा है। यह उनकी दूसरी पेशी है, इससे पहले अगस्त में लगभग दस घंटे की पूछताछ हुई थी। यह जांच सीबीआई की एक एफआईआर से जुड़ी है, जिसमें रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ₹2,929 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप है। ईडी की जांच में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर सहित कई रिलायंस संस्थाओं में ₹17,000 करोड़ से अधिक की वित्तीय अनियमितताओं और ऋण विचलन (loan diversion) भी शामिल हैं। एजेंसी ने ₹7,500 करोड़ की संपत्ति भी कुर्क की है।
प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अनिल अंबानी को फिर समन भेजा

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Stocks Mentioned:

Reliance Communication Ltd
Reliance Infrastructure Ltd

Detailed Coverage:

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी को 14 नवंबर को पूछताछ के लिए पेश होने का नया समन जारी किया है। यह समन अगस्त में हुई पिछली पूछताछ के बाद आया है, जिसमें उनसे लगभग दस घंटे तक सवाल-जवाब किए गए थे। यह जारी जांच एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले से संबंधित है जो बैंक धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है।

यह जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 21 अगस्त को दर्ज की गई एफआईआर पर आधारित है। इस एफआईआर में रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड (आरकॉम) और अन्य पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के साथ लगभग ₹2,929 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। सीबीआई ने पहले इस जांच के हिस्से के रूप में अनिल अंबानी के मुंबई स्थित आवास पर तलाशी भी ली थी।

एसबीआई की शिकायत के अनुसार, 2018 तक रिलायंस कम्युनिकेशन पर विभिन्न ऋणदाताओं का ₹40,000 करोड़ से अधिक का बकाया था, जिससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक को महत्वपूर्ण नुकसान हुआ था।

अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने कहा कि यह मामला एक दशक से अधिक पुराना है, और उस समय वह एक गैर-कार्यकारी निदेशक थे, न कि दैनिक प्रबंधन में शामिल। प्रवक्ता ने यह भी नोट किया कि एसबीआई द्वारा अन्य गैर-कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ कार्यवाही वापस लेने के बावजूद अंबानी को 'चुनिंदा रूप से निशाना बनाया गया' है।

ईडी की ₹17,000 करोड़ से अधिक की वित्तीय अनियमितताओं और ऋण विचलन के व्यापक जांच में, जो कई रिलायंस संस्थाओं में फैली हुई है, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (आर इंफ्रा) भी शामिल है। इस जांच में कथित तौर पर 2017 और 2019 के बीच यस बैंक से ₹3,000 करोड़ के ऋण विचलन को भी कवर किया गया है।

अपनी जांच के हिस्से के रूप में, ईडी ने हाल ही में ₹7,500 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है, जिसमें अनिल अंबानी का मुंबई निवास और दिल्ली में रिलायंस सेंटर संपत्ति भी शामिल है।

प्रभाव इस खबर का रिलायंस ग्रुप की कंपनियों और कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी अन्य संस्थाओं में निवेशक भावना (investor sentiment) पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यह समूह के नेतृत्व द्वारा सामना की जा रही नियामक जांच (regulatory scrutiny) और कानूनी चुनौतियों को उजागर करता है, जो शेयर प्रदर्शन (stock performance) और निवेशक विश्वास को प्रभावित कर सकती है। कथित धोखाधड़ी और संपत्ति कुर्की का पैमाना भी महत्वपूर्ण वित्तीय जांच को दर्शाता है।


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