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निवेशक जोखिम उठाने को तैयार, कॉर्पोरेट बॉन्ड से बेहतर रिटर्न की बढ़ी मांग

Economy

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Updated on 07 Nov 2025, 07:32 am

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Reviewed By

Abhay Singh | Whalesbook News Team

Short Description:

भारतीय निवेशक जो फिक्स्ड डिपॉजिट से ज्यादा रिटर्न चाहते हैं, खासकर यदि उनमें कुछ जोखिम लेने की क्षमता है, तो कॉर्पोरेट बॉन्ड एक लोकप्रिय निवेश विकल्प बन रहे हैं। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा विनियमित ये बॉन्ड निश्चित ब्याज भुगतान प्रदान करते हैं। SEBI के 2020 के 'रिक्वेस्ट फॉर कोट' (RFQ) प्रोटोकॉल ने बाजार को दस गुना बढ़ा दिया है, जिससे पारदर्शिता बढ़ी है और अल्पकालिक निवेशों के लिए 9-14% तक की यील्ड संभव हुई है। बढ़ते जोखिमों और धोखाधड़ी के मामलों के कारण, निवेशकों को क्रेडिट रेटिंग, कोलेटरल और कंपनी के इतिहास पर पूरी तरह से उचित सावधानी (due diligence) बरतनी चाहिए।
निवेशक जोखिम उठाने को तैयार, कॉर्पोरेट बॉन्ड से बेहतर रिटर्न की बढ़ी मांग

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Detailed Coverage:

कॉर्पोरेट बॉन्ड भारतीय निवेशकों के लिए एक पसंदीदा निवेश माध्यम बनते जा रहे हैं, जो पारंपरिक फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में बेहतर रिटर्न की तलाश में हैं, बशर्ते वे थोड़ा अधिक जोखिम लेने में सहज हों। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की निगरानी वाले ये साधन कंपनियों को विस्तार के लिए धन जुटाने की अनुमति देते हैं, साथ ही निवेशकों को एक निश्चित अवधि के लिए नियमित निश्चित ब्याज भुगतान की पेशकश करते हैं।

विश्लेषकों का मानना है कि कॉर्पोरेट बॉन्ड बाजार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो SEBI द्वारा 2020 में 'रिक्वेस्ट फॉर कोट' (RFQ) प्रोटोकॉल लागू करने के बाद से कथित तौर पर दस गुना बढ़ गया है। इस डिजिटल ट्रेडिंग प्रणाली ने पारदर्शिता और बाजार पहुंच को बढ़ाया है। वर्तमान में, कुछ उच्च-यील्ड कॉर्पोरेट बॉन्ड 9% से 14% तक वार्षिक ब्याज दरें प्रदान करते हैं, जो अल्पकालिक निवेश के लिए आकर्षक हैं। हालांकि, सही बॉन्ड का चयन करने के लिए केवल रिटर्न से परे सावधानीपूर्वक विचार करने की आवश्यकता होती है। क्रेडिट रेटिंग, कोलेटरल (सुरक्षित बनाम असुरक्षित), ब्याज दर संरचना (निश्चित बनाम फ्लोटिंग), तरलता (liquidity), और कर निहितार्थ (tax implications) जैसे कारक महत्वपूर्ण हैं।

विंट वेल्थ (Wint Wealth) के सह-संस्थापक अजिंक्य कुलकर्णी निवेशकों को कॉर्पोरेट बॉन्ड तलाशने की सलाह देते हैं यदि वे धन सृजन के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में थोड़ा अधिक जोखिम लेने में सहज हैं। वह गहन शोध, जोखिम प्रबंधन, कोलेटरल की पर्याप्तता, कंपनी के ट्रैक रिकॉर्ड और धोखाधड़ी की संभावना का मूल्यांकन करने के महत्व पर जोर देते हैं। जहां इक्विटी को दीर्घकालिक धन सृजन (10 वर्ष से अधिक) के लिए श्रेष्ठ माना जाता है, वहीं पांच साल तक की परिपक्वता वाले कॉर्पोरेट बॉन्ड कम अवधि के लिए प्रतिस्पर्धी रिटर्न प्रदान कर सकते हैं।

निवेशक ग्रिप और विंटवेल्थ जैसे SEBI-पंजीकृत ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म प्रदाताओं (OBPPs) के माध्यम से इन बॉन्ड तक पहुंच सकते हैं। ये प्लेटफॉर्म निवेश की सुविधा प्रदान करते हैं लेकिन आम तौर पर अपनी सेवाओं के लिए शुल्क लेते हैं। धोखाधड़ी के मामलों की बढ़ती संख्या और अंतर्निहित जोखिमों को देखते हुए, एक संतुलित पोर्टफोलियो सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत वित्त सलाहकार से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।

प्रभाव: यह खबर सीधे उन निवेशकों को प्रभावित करती है जो पारंपरिक निश्चित-आय उत्पादों से अधिक यील्ड की तलाश में हैं। यह वित्तीय बाजार के एक बढ़ते हुए खंड को उजागर करता है और उचित सावधानी (due diligence) के महत्व को रेखांकित करता है, जो मध्यम जोखिम सहनशीलता वाले व्यक्तियों के लिए निवेश आवंटन निर्णयों को प्रभावित कर सकता है।


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