यूपीआई (UPI) के माध्यम से डिजिटल गोल्ड की खरीदारी अक्टूबर में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई, जो सितंबर के 1,410 करोड़ रुपये से 62% बढ़कर 2,290 करोड़ रुपये हो गई। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की रिपोर्ट के अनुसार, 18 अक्टूबर को धनतेरस के शुभ पर्व के कारण इस वृद्धि को विशेष बढ़ावा मिला, जो डिजिटल गोल्ड में एक सुलभ और आंशिक निवेश के रूप में उपभोक्ता की रुचि को दर्शाता है।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बताया कि अक्टूबर में यूपीआई (UPI) चैनलों के माध्यम से डिजिटल गोल्ड की बिक्री ने नया रिकॉर्ड बनाया, जिसमें 62% की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई। सितंबर के 1,410 करोड़ रुपये की तुलना में खरीदारी बढ़कर 2,290 करोड़ रुपये हो गई। यह उछाल विशेष रूप से 18 अक्टूबर को मनाए गए धनतेरस के आसपास अधिक देखा गया, जिसे भारत में सोना खरीदने के लिए एक अत्यंत शुभ दिन माना जाता है।
पेटीएम (Paytm), फोनपे (PhonePe), जार (Jar), अमेज़न पे (Amazon Pay), गूगल पे (Google Pay) जैसे पेमेंट ऐप्स और तनिष्क (Tanishq) जैसे ज्वैलरी खुदरा विक्रेताओं द्वारा सुगम डिजिटल गोल्ड की बिक्री में पूरे साल लगातार वृद्धि देखी गई है। जनवरी में 762 करोड़ रुपये से शुरू होकर, अक्टूबर तक मासिक बिक्री मूल्य 2,290 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। गोल्ड खरीदने वाले लेनदेन की संख्या में भी 13% की वृद्धि हुई, जो सितंबर के 103 मिलियन से बढ़कर अक्टूबर में 116 मिलियन हो गई।
इस बढ़ती उपभोक्ता रुचि के पीछे कई कारक हैं: एक सुरक्षित निवेश (safe-haven asset) के रूप में सोने का आकर्षण, इसकी बढ़ती कीमत, डिजिटल गोल्ड की खरीद में सुविधा और आसानी (1 रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक प्रतिदिन लेनदेन की अनुमति), और आंशिक स्वामित्व (fractional ownership) का लाभ।
प्रभाव: सकारात्मक बिक्री रुझान के बावजूद, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने नवंबर की शुरुआत में एक चेतावनी जारी की, जिसमें बताया गया कि भारत में डिजिटल गोल्ड एक विनियमित उत्पाद नहीं है। कुछ सोशल मीडिया प्रभावितों ने इस बात पर चिंता जताई है कि यदि डिजिटल गोल्ड प्लेटफॉर्म बंद हो जाते हैं तो ग्राहकों को धन निकालने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, कुछ प्लेटफॉर्म ने SEBI के निर्देश के बाद व्यवसाय में कोई महत्वपूर्ण गिरावट नहीं आने का संकेत दिया है।
अधिकांश फिनटेक प्लेटफॉर्म डिजिटल गोल्ड को बचत या निवेश उत्पाद के रूप में पेश करते हैं, जहां सोने के मूल्य को MMTC-PAMP या SafeGold जैसी संस्थाओं द्वारा टोकनाइज किया जाता है। ग्राहक आमतौर पर किसी भी समय अपनी होल्डिंग्स बेच सकते हैं। डिजिटल गोल्ड में निवेश में वस्तु एवं सेवा कर (GST), भंडारण लागत और प्लेटफॉर्म शुल्क शामिल हैं।
निवेशकों के लिए एक विकल्प गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold ETFs) हैं, जो SEBI द्वारा विनियमित हैं और स्टॉक मार्केट निवेश की तरह डीमैट खाते की आवश्यकता के साथ कम शुल्क में आंशिक स्वामित्व प्रदान करते हैं। इस वजह से कई उपयोगकर्ताओं ने गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs) की तुलना में डिजिटल गोल्ड की सरल खरीद प्रक्रिया को प्राथमिकता दी है।
Impact Rating: 6/10 (यह एक बढ़ते निवेश वर्ग को प्रभावित करने वाले उपभोक्ता व्यवहार, बाजार के रुझान और नियामक चिंताओं को दर्शाता है।)