Economy
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Updated on 13 Nov 2025, 10:41 am
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team
भारतीय रुपया लगातार दूसरे दिन कमजोर हुआ, जो अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.66 पर बंद हुआ, जैसा कि ब्लूमबर्ग ने रिपोर्ट किया है। यह कमजोरी तब आई जब डॉलर इंडेक्स और कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट देखी जा रही थी। भारत की खुदरा मुद्रास्फीति में भारी गिरावट आई, जो सितंबर में 1.44% से घटकर अक्टूबर में 0.25% के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई। इस तेज गिरावट का श्रेय अनुकूल आधार प्रभाव (favourable base effect), खाद्य पदार्थों की कीमतों में भारी कमी और जीएसटी दर युक्तिकरण (GST rate rationalization) के शुरुआती प्रभाव को दिया गया। कम मुद्रास्फीति के आंकड़े भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) को दिसंबर की बैठक के दौरान ब्याज दर में कटौती पर विचार करने के लिए गुंजाइश प्रदान करने की उम्मीद है। ग्रामीण मुद्रास्फीति तो अपस्फीतिकारी क्षेत्र (deflationary zone) में भी प्रवेश कर गई।
बाजार सहभागियों ने सतर्कता दिखाई, जो बिहार चुनाव के आगामी परिणामों और अमेरिकी सीपीआई (CPI) डेटा की प्रत्याशा से प्रभावित थे, जिसके अमेरिकी डॉलर की चाल और परिणामस्वरूप रुपये की प्रवृत्ति पर असर पड़ने की उम्मीद है। अंतरिम अवधि में रुपये के 88.40 से 88.95 की सीमा में कारोबार करने का अनुमान है। इस बीच, अमेरिकी सरकार का शटडाउन समाप्त हो गया है, हालांकि अक्टूबर की नौकरियों और सीपीआई जैसे प्रमुख आर्थिक आंकड़ों में देरी हो सकती है। डॉलर इंडेक्स निचले स्तर पर कारोबार कर रहा था।
प्रभाव इस विकास के भारत की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेंगे। कमजोर रुपया आयात को महंगा बना देता है, जिससे माल की लागत और आयात पर निर्भर कंपनियों के मार्जिन पर असर पड़ सकता है। इसके विपरीत, यह निर्यात को सस्ता बनाता है, जिससे निर्यात-उन्मुख व्यवसायों को लाभ होता है। कम महंगाई आरबीआई को मौद्रिक सहजता (monetary easing) का संभावित अवसर प्रदान करती है, जो आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दे सकती है, लेकिन यदि सावधानी से प्रबंधित न किया गया तो मुद्रा पर और अधिक दबाव डाल सकती है। प्रभाव रेटिंग: 7/10
परिभाषाएँ: ग्रीनबैक (Greenback): संयुक्त राज्य अमेरिका के डॉलर के लिए एक आम उपनाम। डॉलर इंडेक्स (Dollar Index): अमेरिकी डॉलर के मूल्य का एक माप, जो अमेरिकी व्यापार भागीदारों की मुद्राओं की एक विस्तृत टोकरी के सापेक्ष है। सीपीआई (CPI - Consumer Price Index): एक माप जो उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं, जैसे परिवहन और भोजन, की एक टोकरी की कीमतों का भारित औसत (weighted average) की जांच करता है। इसका उपयोग मुद्रास्फीति को मापने के लिए किया जाता है। अपस्फीतिकारी क्षेत्र (Deflationary Zone): वस्तुओं और सेवाओं के सामान्य मूल्य स्तर में एक स्थायी कमी, जो गिरती कीमतों को दर्शाती है। मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee - MPC): भारतीय रिजर्व बैंक की एक समिति जो नीतिगत रेपो दर निर्धारित करने के लिए जिम्मेदार है, जो मुद्रास्फीति और आर्थिक विकास को प्रभावित करती है। जीएसटी (GST - Goods and Services Tax): भारत भर में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाने वाला एक व्यापक अप्रत्यक्ष कर। अनुकूल आधार प्रभाव (Favourable Base Effect): जब किसी मेट्रिक में प्रतिशत परिवर्तन बढ़ जाता है क्योंकि पिछले अवधि का मान असामान्य रूप से कम था।