Economy
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Updated on 06 Nov 2025, 04:54 am
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team
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गुरुवार, 6 नवंबर की सुबह, भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 8 पैसे बढ़कर 88.62 पर कारोबार कर रहा था। इस मजबूती के पीछे कई कारक थे: अमेरिकी डॉलर का कमजोर होना, जैसा कि डॉलर इंडेक्स में 0.16% की गिरावट (99.90 तक) से पता चलता है; वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में कमी; और भारत के शेयर बाजारों में सकारात्मक माहौल, जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में वृद्धि देखी गई। हालांकि, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बिकवाली के दबाव ने, जिन्होंने मंगलवार, 4 नवंबर को ₹1,067.01 करोड़ के शेयर बेचे थे, रुपये की और बड़ी बढ़त को रोका।
प्रभाव: एक मजबूत रुपया आम तौर पर आयात को सस्ता बनाता है, जो मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और विदेशी वस्तुओं और सेवाओं की लागत को कम करने में मदद कर सकता है। यह विदेशी मुद्रा के बहिर्वाह को भी कम करता है, खासकर ऋण सेवा के लिए। इसके विपरीत, यह भारतीय निर्यात को महंगा बना सकता है, जिससे निर्यात-उन्मुख उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता प्रभावित हो सकती है। भारतीय व्यवसायों के लिए, इसका मतलब आयातित कच्चे माल की लागत कम होना हो सकता है, लेकिन निर्यात से राजस्व कम हो सकता है। भारतीय शेयर बाजार पर समग्र प्रभाव मिश्रित है, जो विभिन्न क्षेत्रों को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करता है। Impact Rating: 6/10
कठिन शब्द: * **Appreciated (मूल्य वृद्धि):** जब कोई मुद्रा दूसरी मुद्रा की तुलना में मूल्य प्राप्त करती है। * **US Dollar (अमेरिकी डॉलर):** संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक मुद्रा, जिसे अक्सर ग्रीनबैक कहा जाता है। * **Forex Traders (फॉरेक्स ट्रेडर):** पेशेवर जो विदेशी मुद्रा बाजार में व्यापार करते हैं। * **Interbank Foreign Exchange (अंतरबैंक विदेशी मुद्रा):** वह बाजार जहां बैंक एक-दूसरे के साथ मुद्राओं का व्यापार करते हैं। * **Dollar Index (डॉलर इंडेक्स):** एक सूचकांक जो छह प्रमुख विदेशी मुद्राओं के समूह के सापेक्ष अमेरिकी डॉलर के मूल्य को मापता है। * **Crude Oil Prices (कच्चे तेल की कीमतें):** कच्चे तेल की लागत, जो एक प्रमुख वैश्विक वस्तु है, जो मुद्रास्फीति और व्यापार संतुलन को प्रभावित करती है। * **Equity Markets (इक्विटी बाजार):** वे बाजार जहां सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर का कारोबार होता है। * **Sensex and Nifty (सेंसेक्स और निफ्टी):** भारत के प्रमुख शेयर बाजार सूचकांक जो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों के प्रदर्शन का प्रतिनिधित्व करते हैं। * **Foreign Institutional Investors (FIIs) (विदेशी संस्थागत निवेशक):** विदेशी संस्थाएं जो दूसरे देश की वित्तीय संपत्तियों में निवेश करती हैं।