Economy
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31st October 2025, 3:17 AM

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बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट इस बात पर प्रकाश डालती है कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) भारत के त्योहारी सीजन के दौरान शीर्ष भुगतान विधि के रूप में उभरा है, जो उपभोक्ता खर्च और मांग में मजबूत पुनरुद्धार का संकेत दे रहा है। यूपीआई लेनदेन का मूल्य तेजी से बढ़कर 17.8 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 15.1 लाख करोड़ रुपये था, जो डिजिटल भुगतान में स्थिर वृद्धि दिखा रहा है। डेबिट कार्ड के उपयोग में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जो 65,395 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जिससे गिरावट की पिछली प्रवृत्ति उलट गई। हालांकि, क्रेडिट कार्ड लेनदेन में संयम देखा गया, जो सीधे डिजिटल या डेबिट भुगतानों को प्राथमिकता मिलने का सुझाव देता है। इन लेनदेन का संयुक्त मूल्य 18.8 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो खुदरा खर्च में एक सकारात्मक प्रवृत्ति का संकेत देता है। जबकि यूपीआई छोटे लेनदेन के लिए पसंदीदा बना हुआ है, औसत प्रति लेनदेन खर्च (8,084 रुपये) में डेबिट कार्ड सबसे आगे रहे, इसके बाद क्रेडिट कार्ड (1,932 रुपये) और यूपीआई (1,052 रुपये) रहे। ऑनलाइन मार्केटप्लेस, परिधान, इलेक्ट्रॉनिक्स, सौंदर्य प्रसाधन और शराब की दुकानों में खर्च बढ़ा, जो संभवतः जीएसटी दर में कटौती और आयकर लाभों से प्रभावित था। रिपोर्ट का निष्कर्ष है कि दूसरी और तीसरी तिमाहियों में निजी उपभोग की मांग में उछाल की उम्मीद है।
प्रभाव: इस खबर का भारतीय अर्थव्यवस्था और निवेशक भावना पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पड़ा है, जो उपभोक्ता-उन्मुख क्षेत्रों में मजबूत आर्थिक गतिविधि और कॉर्पोरेट आय क्षमता का सुझाव देता है। रेटिंग: 8/10।
कठिन शब्द: यूपीआई: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा विकसित एक रियल-टाइम भुगतान प्रणाली। जीएसटी: गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स, भारत में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाने वाला एक अप्रत्यक्ष कर।