Economy
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2nd November 2025, 9:51 AM
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भारतीय इक्विटी के लिए आने वाला हफ़्ता घटनाओं से भरपूर रहने की उम्मीद है, भले ही बुधवार को गुरु नानक जयंती की छुट्टी के कारण यह छोटा हो। विश्लेषकों का अनुमान है कि तिमाही आय रिपोर्टों, महत्वपूर्ण मैक्रोइकॉनॉमिक डेटा रिलीज़ और वैश्विक बाज़ार के रुझानों का संयोजन बाज़ार की गतिविधियों को संचालित करेगा। मैक्रोइकॉनॉमिक मोर्चे पर, निवेशक एचएसबीसी मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई और एचएसबीसी सर्विसेज और कंपोजिट पीएमआई डेटा की अंतिम रीडिंग पर बारीकी से नज़र रखेंगे। ये संकेतक घरेलू विकास की गति और भारतीय अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य में अंतर्दृष्टि प्रदान करेंगे। घरेलू स्तर पर, कई प्रमुख कंपनियाँ अपने तिमाही वित्तीय परिणाम घोषित करने वाली हैं। इनमें भारती एयरटेल, टाइटन कंपनी, अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स, इंटरग्लोब एविएशन, महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारतीय स्टेट बैंक, ल्यूपिन, बजाज ऑटो और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। ये आय रिपोर्ट कॉर्पोरेट प्रदर्शन और भविष्य के दृष्टिकोण का आकलन करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। वैश्विक स्तर पर, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सौदों से संबंधित घटनाक्रमों और प्रमुख वैश्विक सूचकांकों के प्रदर्शन पर दिशात्मक संकेतों के लिए बारीकी से नज़र रखी जाएगी। इसके अतिरिक्त, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की गतिविधि एक महत्वपूर्ण कारक है, खासकर तब जब वे अक्टूबर में शुद्ध खरीदार बन गए, जिन्होंने तीन महीने के बहिर्वाह के बाद बाज़ार में ₹14,610 करोड़ का निवेश किया। पिछले हफ़्ते, बीएसई सेंसेक्स में 0.32% की गिरावट आई और एनएसई निफ्टी में 0.28% की गिरावट दर्ज की गई, जो निवेशकों द्वारा लगातार तेज़ी के बाद की गई मुनाफ़ावसूली के कारण थी। प्रभाव: यह खबर भारतीय शेयर बाज़ार के निवेशकों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। कॉर्पोरेट आय, मैक्रोइकॉनॉमिक डेटा और वैश्विक भावना का संयोजन विभिन्न शेयरों और क्षेत्रों में महत्वपूर्ण मूल्य आंदोलनों का कारण बन सकता है, जो समग्र बाज़ार की दिशा और निवेशक विश्वास को प्रभावित करेगा। छुट्टियों के कारण छोटा हफ़्ता प्रमुख घटनाओं के आसपास केंद्रित ट्रेडिंग गतिविधि का भी कारण बन सकता है। प्रभाव रेटिंग: 8/10 कठिन शब्द: पीएमआई (खरीद प्रबंधक सूचकांक): यह एक आर्थिक संकेतक है जो निजी क्षेत्र की कंपनियों के मासिक सर्वेक्षणों से प्राप्त होता है। यह व्यावसायिक गतिविधि और आर्थिक स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण मापक है। 50 से ऊपर का पीएमआई विस्तार दर्शाता है, जबकि 50 से नीचे का रीडिंग संकुचन का सुझाव देता है। एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक): ये भारत के बाहर स्थित संस्थागत निवेशक (जैसे पेंशन फंड, म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियाँ) हैं जो भारतीय प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं। उनके निवेश प्रवाह पर बारीकी से नज़र रखी जाती है क्योंकि वे बाज़ार की तरलता और कीमतों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकते हैं।