Economy
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2nd November 2025, 12:57 PM
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कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर, हर्षा उपाध्याय ने संकेत दिया है कि जहां अंतरिम आय वृद्धि (interim earnings growth) ने लार्ज और मिड-कैप कंपनियों के मूल्यांकन में समायोजन (adjustment) किया है, वहीं ये अभी भी अपने ऐतिहासिक औसत से ऊपर बने हुए हैं। उन्होंने आगे कहा कि कंसॉलिडेशन की अवधि के बाद भी स्मॉल-कैप का मूल्यांकन काफी महंगा माना जाता है। उदाहरण के लिए, पिछले एक साल में, निफ्टी 100 इंडेक्स 6.1% बढ़ा है, बीएसई मिडकैप इंडेक्स 3% बढ़ा है, जबकि बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में 1.5% की गिरावट देखी गई है। उपाध्याय ने अपनी फर्म द्वारा निवेश अनुशासन के पालन पर प्रकाश डाला, लंबी अवधि के दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित किया और उचित मूल्यांकन (reasonable valuations) पर अवसर हासिल किए। निवेश रणनीति में व्यवसाय की गुणवत्ता और प्रबंधन विशेषज्ञता को प्राथमिकता दी जाती है। वर्तमान में, पोर्टफोलियो मुख्य रूप से घरेलू व्यवसायों की ओर झुका हुआ है, क्योंकि वैश्विक-उन्मुख या निर्यात-सामना करने वाले व्यवसायों के लिए अपेक्षित बाधाएं (headwinds) हैं। वह निवेशकों को इक्विटी के लिए कम से कम तीन से पांच साल का लंबा निवेश क्षितिज अपनाने की सलाह देते हैं, यह स्वीकार करते हुए कि बाजार रिटर्न गैर-रैखिक (non-linear) होते हैं और अन्य परिसंपत्ति वर्गों (asset classes) की तुलना में अधिक अस्थिर (volatile) होते हैं। उपाध्याय ने सुझाव दिया कि निवेशकों को भविष्य में असाधारण पोस्ट-कोविड अवधि की तुलना में अधिक मामूली रिटर्न की उम्मीद करनी चाहिए, जिसे उन्होंने "बोनस" कहा था। आगे बाजार में ऊपर की ओर गति के लिए प्रमुख चालक (key drivers) अमेरिका के साथ एक अनुकूल समाधान (favorable resolution) और आय में सुधार (recovery in earnings) होंगे, जिसमें बाजार वर्तमान में अगले साल की दूसरी छमाही के लिए सुधारों की कीमत चुका रहा है।