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भारतीय बाज़ार सतर्कता और तकनीकी कमजोरी के बीच स्थिर

Economy

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31st October 2025, 4:29 AM

भारतीय बाज़ार सतर्कता और तकनीकी कमजोरी के बीच स्थिर

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Stocks Mentioned :

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Maruti Suzuki India Limited

Short Description :

भारतीय शेयर बाज़ार शुरुआती कारोबार में सपाट खुले, सकारात्मक कॉर्पोरेट आय और वैश्विक व्यापार तनाव कम होने के बावजूद अस्थिरता दिखा रहे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका-चीन व्यापार शिखर सम्मेलन के नतीजे निराशाजनक रहे, जिसे उन्होंने केवल एक अस्थायी समझौता माना है। विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं, भारतीय मूल्यांकन को बढ़ा-चढ़ाकर (stretched) देख रहे हैं, जबकि तकनीकी संकेतक सतर्क दृष्टिकोण और संभावित गिरावट का संकेत दे रहे हैं यदि प्रमुख स्तरों को बनाए नहीं रखा गया। बाज़ार मूल्यांकन संबंधी चिंताओं और स्पष्ट दिशा की कमी के कारण एक ठहराव (holding pattern) में है।

Detailed Coverage :

एस&पी बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी50 जैसे बेंचमार्क सूचकांक शुक्रवार को सपाट खुले, अस्थिरता के पैटर्न को जारी रखते हुए। यह मजबूत कॉर्पोरेट आय और वैश्विक व्यापार तनाव कम होने जैसे सहायक कारकों के बावजूद हो रहा है। एस&पी बीएसई सेंसेक्स 21.15 अंक बढ़कर 84,425.61 पर पहुंच गया, और एनएसई निफ्टी50 7.35 अंक बढ़कर 25,885.20 पर पहुंच गया।

विश्लेषकों का कहना है कि सतर्क भावना का मुख्य कारण अमेरिका-चीन व्यापार शिखर सम्मेलन का परिणाम है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा कि शिखर सम्मेलन ने एक 'स्ट्रक्चरल ब्रेकथ्रू' के बजाय एक 'एक-वर्षीय ट्रूस' (एक साल का समझौता) दिया, जिससे बाज़ार प्रतिभागियों को निराशा हुई। व्यापार तनाव कम होने से राहत है, लेकिन किसी निर्णायक समाधान की कमी उत्साह को कम कर रही है।

घरेलू बाज़ार को उच्च स्तरों पर प्रतिरोध का भी सामना करना पड़ रहा है, निफ्टी अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर के करीब पहुंचने पर बार-बार गति खो रहा है। इसका एक महत्वपूर्ण कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा नवीनीकृत बिकवाली है। ये विदेशी निवेशक भारतीय मूल्यांकन को आय वृद्धि की तुलना में बढ़ा-चढ़ाकर (stretched) मानते हैं। यह दृष्टिकोण केवल तभी बदलेगा जब प्रमुख संकेतक आय में निरंतर सुधार दिखाएंगे।

तकनीकी मोर्चे पर, बाज़ार का रुख सतर्क होता जा रहा है। जियोजित के मुख्य बाज़ार रणनीतिकार आनंद जेम्स का अवलोकन है कि जो शुरू में निफ्टी पर एक 'बुलिश कंटिन्युएशन पैटर्न' जैसा लग रहा था, वह अब 'टॉपिंग पैटर्न' में विकसित होने के संकेत दिखा रहा है। उन्होंने अंतर्निहित कमजोरी (underlying weakness) पर प्रकाश डाला, यह बताते हुए कि हाल की 25,886 तक की गिरावट इसे रेखांकित करती है। जेम्स का अनुमान है कि शुरुआती उछाल 25,960 के पास संघर्ष कर सकते हैं, और इस क्षेत्र को पार करने में विफलता संभावित रूप से 25,700-25,400 की ओर गिरावट का कारण बन सकती है। 25,960 के ऊपर एक तेज उछाल गिरावट को टाल सकता है, लेकिन एक त्वरित वापसी (rapid rebound) की संभावना कम लगती है।

कुल मिलाकर, व्यापारी ऐसे बाज़ार में हैं जो न तो निर्णायक रूप से सुधर (correct) रहा है और न ही स्पष्ट रूप से ऊपर (break out) जा रहा है, यह मूल्यांकन संबंधी चिंताओं, विदेशी प्रवाह (foreign flows) और मजबूत दिशात्मक ट्रिगर्स की अनुपस्थिति से प्रभावित एक ठहराव (holding pattern) में मौजूद है।