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भारतीय शेयर बाजार में डेरिवेटिव्स एक्सपायरी के दिन मुनाफावसूली के कारण मामूली गिरावट

Economy

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28th October 2025, 10:54 AM

भारतीय शेयर बाजार में डेरिवेटिव्स एक्सपायरी के दिन मुनाफावसूली के कारण मामूली गिरावट

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Short Description :

मंगलवार को भारतीय इक्विटी सूचकांक, S&P BSE Sensex और NSE Nifty50, मामूली रूप से नीचे बंद हुए। इस गिरावट का कारण मासिक डेरिवेटिव्स एक्सपायरी के दिन निवेशकों द्वारा की गई मुनाफावसूली और कमजोर वैश्विक बाजार सेंटिमेंट को माना जा रहा है। समग्र गिरावट के बावजूद, ब्रॉडर मार्केट्स में मिली-जुली चाल दिखी, जिसमें चुनिंदा खरीदारी से मेटल और PSU बैंकिंग स्टॉक्स को मजबूती मिली। विश्लेषकों ने अंतर्निहित मजबूती देखी और भविष्य के बाजार के उतार-चढ़ाव के लिए महत्वपूर्ण तकनीकी स्तरों की पहचान की।

Detailed Coverage :

मंगलवार को भारतीय इक्विटी मार्केट में बेंचमार्क इंडेक्स S&P BSE Sensex और NSE Nifty50 में मामूली गिरावट दर्ज की गई। Sensex 75.11 अंक गिरकर 84,703.73 पर बंद हुआ, जबकि Nifty50 29.85 अंक गिरकर 25,936.20 पर बंद हुआ। यह चाल मुख्य रूप से मासिक डेरिवेटिव्स एक्सपायरी के दिन मुनाफावसूली और कमजोर ग्लोबल संकेतों के कारण हुई, जो कि एक सामान्य घटना है।

ब्रॉडर मार्केट्स में मिली-जुली परफॉरमेंस दिखी, लेकिन कुछ सेक्टर्स में मजबूती रही। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने बताया कि चीन द्वारा स्टील ओवरकैपेसिटी को कम करने की घोषणा और अमेरिका-चीन व्यापार संबंधों में संभावित प्रगति से मेटल्स में नई उम्मीद जगी है। पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSU) बैंकों में भी फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर (FII) होल्डिंग लिमिट में संभावित वृद्धि की खबरों के कारण अच्छा प्रदर्शन किया। इसके विपरीत, IT, FMCG और रियल एस्टेट जैसे सेक्टर्स में हल्की गिरावट देखी गई।

LKP सिक्योरिटीज के सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट रूपक डे सहित अन्य टेक्निकल एनालिस्ट्स ने देखा कि ब्रॉडर अपट्रेंड बरकरार है। डे ने बताया कि Nifty का 21-एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (EMA) से ऊपर ट्रेड करना और RSI का बुलिश क्रॉसओवर जारी सकारात्मक मोमेंटम का संकेत देता है। 25,850 पर महत्वपूर्ण सपोर्ट देखा जा रहा है, और अगर इंडेक्स 26,000 को पार करता है तो 26,300 की ओर रैली की संभावना है।

एनरिच मनी के CEO पोनमुडी आर. ने US फेडरल रिजर्व के नीतिगत फैसले से पहले सतर्क ट्रेडिंग का संकेत दिया, जिसमें Nifty50 का अधिकतर समय 25,800–26,000 की रेंज में ट्रेड करना शामिल है। सेशन के अंत में रिकवरी ने नई ट्रेडिंग सीरीज में अंतर्निहित मजबूती का संकेत दिया।

**प्रभाव** विश्लेषकों का अनुमान है कि एक्सपायरी का दबाव खत्म होने के बाद अस्थिरता (volatility) में कमी आएगी। 26,000 से ऊपर का लगातार मूव Nifty को और ऊपर ले जा सकता है, जबकि 25,800 से नीचे गिरने पर अल्पकालिक कमजोरी का संकेत मिल सकता है। बैंक Nifty ने बेहतर प्रदर्शन किया और 58,000 के सपोर्ट जोन से मजबूती से ऊपर बना रहा, जिससे 57,800 से ऊपर बने रहने पर और मोमेंटम की संभावना बढ़ जाती है।

**कठिन शब्द** * **डेरिवेटिव्स एक्सपायरी (Derivatives Expiry)**: यह वह तारीख है जब फ्यूचर्स और ऑप्शन्स कॉन्ट्रैक्ट्स का निपटान (settlement) किया जाना होता है। अक्सर इससे ट्रेडिंग वॉल्यूम और अस्थिरता बढ़ जाती है क्योंकि पोजीशन बंद की जाती हैं या रोलओवर की जाती हैं। * **ग्लोबल क्यूज (Global Cues)**: अंतरराष्ट्रीय बाजारों से आर्थिक खबरें, रुझान या घटनाएं जो घरेलू बाजारों में निवेशक की भावना और ट्रेडिंग निर्णयों को प्रभावित कर सकती हैं। * **ब्रॉडर मार्केट्स (Broader Markets)**: मिड-कैप और स्मॉल-कैप स्टॉक्स के प्रदर्शन को शामिल करता है, बजाय बड़े-कैप स्टॉक्स के जो आमतौर पर Sensex और Nifty जैसे प्रमुख सूचकांकों का हिस्सा होते हैं। * **PSU बैंकिंग (PSU Banking)**: उन बैंकों को संदर्भित करता है जिनका स्वामित्व और नियंत्रण भारतीय सरकार के पास है। * **FII होल्डिंग लिमिट्स (FII Holding Limits)**: ऐसे नियम जो किसी भारतीय कंपनी में फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स द्वारा रखे जा सकने वाले शेयरों की अधिकतम प्रतिशत सीमा निर्दिष्ट करते हैं। * **21-EMA**: एक टेक्निकल एनालिसिस इंडिकेटर (एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज) जो हाल की कीमतों को अधिक वेटेज देकर प्राइस डेटा को स्मूथ करता है। इसका उपयोग अल्पकालिक रुझानों की पहचान के लिए किया जाता है। * **RSI**: रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स, एक मोमेंटम ऑसिलेटर जो ओवरबॉट या ओवरसोल्ड स्थितियों की पहचान के लिए मूल्य आंदोलनों की गति और परिवर्तन को मापता है। * **बुलिश क्रॉसओवर (Bullish Crossover)**: एक तकनीकी संकेत जो एक संभावित ऊपर की ओर मूल्य प्रवृत्ति (upward price trend) को इंगित करता है, अक्सर तब देखा जाता है जब एक छोटी अवधि का मूविंग एवरेज लंबी अवधि के मूविंग एवरेज को पार करता है, या एक ऑसिलेटर सकारात्मक क्षेत्र में प्रवेश करता है। * **IT**: इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सेक्टर। * **FMCG**: फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स सेक्टर।