Whalesbook Logo

Whalesbook

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • News

RBI ने रियल एस्टेट ECB पर स्पष्टीकरण दिया और बैंक अधिग्रहण वित्तपोषण के लिए रास्ते खोले

Economy

|

Updated on 07 Nov 2025, 07:58 am

Whalesbook Logo

Reviewed By

Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team

Short Description:

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर ने स्पष्ट किया है कि रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए एक्सटर्नल कमर्शियल बोर्रोइंग (ECB) में छूट केवल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) अनुपालन वाली परियोजनाओं के लिए है, न कि सट्टा उद्देश्यों के लिए। इसके अतिरिक्त, RBI बैंकों को अधिग्रहण वित्तपोषण (acquisition finance) की अनुमति देने की योजना बना रहा है, इसे आर्थिक विकास और बैंकिंग क्षेत्र के व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, हालांकि कड़े नियामक सुरक्षा उपायों के साथ। मजबूत विदेशी निवेश प्रवाह की भी उम्मीद है।
RBI ने रियल एस्टेट ECB पर स्पष्टीकरण दिया और बैंक अधिग्रहण वित्तपोषण के लिए रास्ते खोले

▶

Detailed Coverage:

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने प्रस्तावित नीतिगत बदलावों पर महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण प्रदान किए हैं।

एक्सटर्नल कमर्शियल बोर्रोइंग (ECB) सीमा में छूट: मल्होत्रा ने स्पष्ट किया कि रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए ECB सीमा में कोई भी प्रस्तावित छूट कड़ाई से उन परियोजनाओं पर लागू होगी जो विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) नियमों का पालन करती हैं। इसका उद्देश्य सट्टा व्यवहार या भूमि या संपत्ति के व्यापार के लिए ऋण की अनुमति देना नहीं है। इस कदम का लक्ष्य विदेशी पूंजी को उत्पादक रियल एस्टेट विकास में लगाना है।

बैंकों के लिए अधिग्रहण वित्तपोषण: RBI बैंकों को अधिग्रहण वित्तपोषण में संलग्न होने की अनुमति देने पर विचार कर रहा है। गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि यह प्रथा विश्व स्तर पर आम है और विकसित वित्तीय प्रणालियों का एक अभिन्न अंग है। उनका मानना है कि यह वित्तीय संसाधनों के बेहतर आवंटन से भारतीय अर्थव्यवस्था को लाभान्वित करेगा और बैंकों को अतिरिक्त व्यावसायिक अवसर प्रदान करेगा। मसौदा प्रस्तावों में सुरक्षा उपाय शामिल हैं जैसे कि बैंक वित्तपोषण को सौदे के मूल्य के 70% तक सीमित करना, ऋण-से-इक्विटी अनुपात (debt-to-equity ratio) की सीमाएं निर्धारित करना, और सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बैंक की टियर 1 पूंजी के सापेक्ष समग्र एक्सपोजर सीमाएं परिभाषित करना।

विदेशी निवेश प्रवाह: RBI को उम्मीद है कि ECB और अनिवासी भारतीय (NRI) जमा सहित विदेशी निवेश से शुद्ध प्रवाह (net inflows) वर्ष के शेष भाग के लिए मजबूत बना रहेगा।

संशोधित ECB ढांचा: एक मजबूत बाहरी क्षेत्र की प्रतिक्रिया में, RBI अपने ECB ढांचे को संशोधित कर रहा है। प्रतिस्पर्धी दरों को प्रोत्साहित करने और विवेकपूर्ण हेजिंग को बढ़ावा देने के लिए ECB ऋणों पर 'ऑल-इन-कॉस्ट' (all-in-cost) सीलिंग हटा दी गई है। योग्य ऋणदाताओं के दायरे का विस्तार करना और स्वचालित मार्ग (automatic route) के तहत उधारकर्ता की शुद्ध संपत्ति (net worth) से उधार लेने की सीमाएं जोड़ना भी मूल्य निर्धारण दक्षता और व्यापार में आसानी को बढ़ाने का इरादा है।

शेयरों और ऋण साधनों पर ऋण: RBI ने ऋण साधनों (debt instruments) पर ऋण की सीमाएं हटाने के प्रस्तावों पर भी चर्चा की, जबकि इक्विटी साधनों (equity instruments) के लिए नियामक सीमाएं बरकरार रखी हैं। यह अंतर जोखिम धारणा पर आधारित है, जिसमें ऋण साधनों में मुख्य रूप से क्रेडिट जोखिम होता है। ऐसे ऋणों के लिए केवल सूचीबद्ध (listed) और निवेश-ग्रेड (investment-grade) ऋण प्रतिभूतियों (debt securities) को संपार्श्विक (collateral) के रूप में अनुमति दी जाएगी।

प्रभाव: इन नीति समायोजनों से अनुपालन करने वाले विदेशी निवेश को आकर्षित करके रियल एस्टेट क्षेत्र को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, सुगम अधिग्रहण वित्तपोषण के माध्यम से कॉर्पोरेट विस्तार और समेकन को बढ़ावा मिलेगा, और समग्र वित्तीय प्रणाली मजबूत होगी। बैंकिंग क्षेत्र नए व्यावसायिक अवसरों के लिए तैयार है, जिसमें RBI मजबूत जोखिम प्रबंधन ढांचे मौजूद हों।


Law/Court Sector

जस्टिस अशोक भूषण NCLAT के अध्यक्ष पद पर 2026 जुलाई तक फिर से नियुक्त

जस्टिस अशोक भूषण NCLAT के अध्यक्ष पद पर 2026 जुलाई तक फिर से नियुक्त

सुप्रीम कोर्ट का फैसला: कंपनी के इन-हाउस वकील नहीं कर पाएंगे अटॉर्नी-क्लाइंट प्रिविलेज का दावा

सुप्रीम कोर्ट का फैसला: कंपनी के इन-हाउस वकील नहीं कर पाएंगे अटॉर्नी-क्लाइंट प्रिविलेज का दावा

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को डीपफेक शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को डीपफेक शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने उज्जैन मस्जिद विध्वंस को बरकरार रखा, निवासियों की याचिका खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने उज्जैन मस्जिद विध्वंस को बरकरार रखा, निवासियों की याचिका खारिज

जस्टिस अशोक भूषण NCLAT के अध्यक्ष पद पर 2026 जुलाई तक फिर से नियुक्त

जस्टिस अशोक भूषण NCLAT के अध्यक्ष पद पर 2026 जुलाई तक फिर से नियुक्त

सुप्रीम कोर्ट का फैसला: कंपनी के इन-हाउस वकील नहीं कर पाएंगे अटॉर्नी-क्लाइंट प्रिविलेज का दावा

सुप्रीम कोर्ट का फैसला: कंपनी के इन-हाउस वकील नहीं कर पाएंगे अटॉर्नी-क्लाइंट प्रिविलेज का दावा

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को डीपफेक शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को डीपफेक शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने उज्जैन मस्जिद विध्वंस को बरकरार रखा, निवासियों की याचिका खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने उज्जैन मस्जिद विध्वंस को बरकरार रखा, निवासियों की याचिका खारिज


Startups/VC Sector

भारत का D2C मार्केट $100 अरब के अवसर तक पहुंचा, नए फाउंडर सीरीज़ की शुरुआत

भारत का D2C मार्केट $100 अरब के अवसर तक पहुंचा, नए फाउंडर सीरीज़ की शुरुआत

भारत का D2C मार्केट $100 अरब के अवसर तक पहुंचा, नए फाउंडर सीरीज़ की शुरुआत

भारत का D2C मार्केट $100 अरब के अवसर तक पहुंचा, नए फाउंडर सीरीज़ की शुरुआत