Economy
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30th October 2025, 7:25 PM

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जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के प्रमोटरों, गौर परिवार ने, कंपनी का नियंत्रण वापस हासिल करने के लिए ₹18,000 करोड़ की एक नई समाधान योजना (resolution plan) जमा की है। यह नवीनतम प्रस्ताव प्रमुख कंपनियों जैसे वेदांता लिमिटेड, जिसने ₹4,000 करोड़ के अग्रिम भुगतान (upfront payment) के साथ ₹17,000 करोड़ की पेशकश की थी, और अडानी समूह की ₹12,005 करोड़ की बोली से अधिक है। जेएएल के पास ग्रेटर नोएडा और नोएडा एक्सप्रेसवे के आसपास महत्वपूर्ण भूमि पार्सल (land parcels) हैं, जो किसी भी अधिग्रहण प्रस्ताव (takeover proposal) में महत्वपूर्ण मूल्य जोड़ते हैं।
इस बढ़ी हुई मूल्यांकन राशि के बावजूद, लेनदार सतर्क हैं। उनकी मुख्य चिंता प्रमोटर की ₹5,000 करोड़ के अग्रिम भुगतान को फंड करने की वित्तीय क्षमता है, जो योजना के लिए आवश्यक है। उन्होंने प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करने से पहले वित्तपोषण (financing) का ठोस प्रमाण मांगा है। लेनदारों की समिति (CoC) वर्तमान में कई बोलियों का मूल्यांकन कर रही है, हालांकि प्रतिस्पर्धा काफी हद तक वेदांता और अडानी तक सीमित हो गई है, जिन्होंने दोनों ने अपनी बोलियां संशोधित की हैं। लेनदारों की स्कोरिंग में वेदांता वर्तमान में आगे है, क्योंकि उनकी समग्र वसूली मूल्य (overall recovery value) और अग्रिम नकद घटक (upfront cash component) अधिक है।
CoC से उम्मीद है कि वह अगले महीने की शुरुआत में अपना मूल्यांकन नोट (evaluation note) परिचालित करेगी, और मतदान नवंबर के मध्य तक होने की उम्मीद है। प्रमोटर भूमि पार्सल और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) से संबंधित एक प्रतिकूल आदेश (adverse order) के संभावित अनुकूल उलटफेर पर भी निर्भर कर रहे हैं, जिससे अनुमानित ₹7,000-8,000 करोड़ का मूल्य अनलॉक हो सकता है।
प्रभाव यह विकास जेएएल के भविष्य के स्वामित्व और लेनदारों की वसूली की संभावनाओं के लिए महत्वपूर्ण है। यदि प्रमोटर विश्वसनीय धनवापसी (credible funding) प्रदर्शित कर सकते हैं, तो यह समाधान प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। यह निर्णय ऋण देने वाली संस्थाओं के वित्तीय स्वास्थ्य और जेएएल की महत्वपूर्ण संपत्तियों के भविष्य को प्रभावित करेगा।