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भारतीय बाजार सतर्कता से खुले, मिले-जुले वैश्विक संकेतों और फेड रेट कट की अनिश्चितता के बीच

Economy

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30th October 2025, 5:36 AM

भारतीय बाजार सतर्कता से खुले, मिले-जुले वैश्विक संकेतों और फेड रेट कट की अनिश्चितता के बीच

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Stocks Mentioned :

ITC Limited
Pidilite Industries Limited

Short Description :

गुरुवार को भारतीय शेयर बाजारों ने सतर्कता के साथ कारोबार की शुरुआत की, जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी में मामूली गिरावट दर्ज की गई। यह अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती के बाद हुआ, लेकिन 2025 में आगे की कटौती की गारंटी नहीं होने के संकेतों से चिंता बढ़ गई। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने बिकवाली की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने इक्विटी खरीदी। विश्लेषकों का सुझाव है कि निफ्टी और बैंक निफ्टी प्रमुख समर्थन स्तरों से ऊपर बने रहने पर साइडवेज़-टू-बुलीश (sideways-to-bullish) बने रहेंगे। मजबूत जीडीपी वृद्धि पूर्वानुमान सहित सकारात्मक घरेलू आर्थिक संकेतक, और संभावित आरबीआई (RBI) की दर कार्रवाई, समर्थन प्रदान करते हैं। निवेशक आगामी कॉर्पोरेट आय और भू-राजनीतिक विकास की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

Detailed Coverage :

भारतीय शेयर बाजार, जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी शामिल हैं, ने गुरुवार को ट्रेडिंग सत्र की शुरुआत सतर्कता के साथ की, जिसमें मामूली गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 507.90 अंक गिरकर 84,489.23 पर और निफ्टी 154.15 अंक गिरकर 25,899.75 पर खुला, सुबह 9:55 बजे IST तक। यह सुस्त शुरुआत अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा अपेक्षित 25-आधार-बिंदु (basis-point) दर कटौती के बाद हुई। हालांकि, फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल की टिप्पणियों ने उम्मीदों को कम कर दिया, जिसमें उन्होंने संकेत दिया कि 2025 में आगे की दर कटौती की गारंटी नहीं है, जिससे मिश्रित वैश्विक संकेत मिले। बुधवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने 2,540.2 करोड़ रुपये के इक्विटी की बिकवाली की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 5,692.8 करोड़ रुपये का निवेश करते हुए खरीदारी जारी रखी। संस्थागत गतिविधि में इस बदलाव ने सतर्क Sentiment में योगदान दिया। तकनीकी विश्लेषकों ने देखा कि निफ्टी 25,900-26,000 के समर्थन क्षेत्र (support zone) से ऊपर बना हुआ है, तो यह साइडवेज़-टू-बुलीश (sideways-to-bullish) बना हुआ है, जिसमें तत्काल प्रतिरोध (resistance) 26,100-26,200 के आसपास देखा जा रहा है। बैंक निफ्टी ने भी लचीलापन दिखाया, एक आरोही चैनल (ascending channel) में कारोबार कर रहा है, जिसमें प्रमुख समर्थन 57,900-58,000 और प्रतिरोध 58,400-58,500 पर है। घरेलू मोर्चे पर, सकारात्मक संकेतकों में मुख्य आर्थिक सलाहकार का यह अनुमान शामिल है कि भारत की जीडीपी वृद्धि इस वर्ष 7 प्रतिशत तक पहुंच सकती है, जो मजबूत आर्थिक आंकड़ों और मजबूत घरेलू खपत से समर्थित है। यह दृष्टिकोण, फेड के कदम के साथ मिलकर, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिए अपनी आगामी बैठक में रेपो दर में कटौती करने का मार्ग प्रशस्त करता है, जो बैंकिंग क्षेत्र को और समर्थन देगा। तेल की कीमतों में मामूली गिरावट देखी गई, ब्रेंट क्रूड 0.20% और डब्ल्यूटीआई क्रूड 0.25% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था। बाजार सहभागियों अब आगामी ट्रम्प-शी शिखर सम्मेलन और आईटीसी, पिडिलाइट इंडस्ट्रीज, सिप्ला और मारुति सुजुकी जैसी कंपनियों की कॉर्पोरेट आय रिपोर्टों पर बारीकी से नजर रखेंगे। प्रभाव: इस समाचार का भारतीय शेयर बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, जो निवेशक भावना, क्षेत्र के प्रदर्शन और संभावित भविष्य की मौद्रिक नीतिगत निर्णयों को प्रभावित करता है। वैश्विक आर्थिक कारकों, संस्थागत प्रवाह और घरेलू आर्थिक ताकत का परस्पर प्रभाव निवेशकों के लिए एक जटिल वातावरण बनाता है।