Economy
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30th October 2025, 10:25 AM

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भारतीय इक्विटी बाजारों ने गुरुवार को ट्रेडिंग सत्र नकारात्मक क्षेत्र में समाप्त किया, जिसमें बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांकों ने नुकसान दर्ज किया। सेंसेक्स 0.70% गिरकर 84,404.46 पर बंद हुआ, और निफ्टी 0.68% गिरकर 25,877.85 पर बंद हुआ। निफ्टी बैंक भी इसी राह पर चला, 0.61% गिरकर 58,031 पर स्थिर हुआ।
बाजार की सुस्त भावना में कई कारकों का योगदान रहा। वैश्विक स्तर पर, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 25 आधार अंक (bps) की ब्याज दर में कटौती की, जिसकी व्यापक रूप से उम्मीद थी। हालांकि, बाजार की भावना फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के इस संकेत से शांत हुई कि यह 2025 के लिए अंतिम दर कटौती हो सकती है, जिससे आगे मौद्रिक सहजता (monetary easing) की उम्मीदें कम हो गईं। इससे अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ, जिसने बदले में भारत सहित उभरते बाजारों (emerging markets) में जोखिम-से-बचने (risk-off) की भावना को बढ़ावा दिया।
घरेलू स्तर पर, बाजार में मिश्रित दूसरी-तिमाही आय घोषणाओं और फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) की समाप्ति के कारण अस्थिरता देखी गई। निवेशक सतर्क भी रहे, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बीच चल रही व्यापार वार्ता पर करीब से नजर रख रहे थे, क्योंकि इन चर्चाओं के आसपास की अनिश्चितता ने बाजार की भावना को प्रभावित करना जारी रखा।
दिन के शीर्ष लाभकर्ताओं में लार्सन एंड टुब्रो और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल थे। अन्य उल्लेखनीय फायदे में अल्ट्राटेक सीमेंट, मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स और अडानी पोर्ट्स थे।
गिरावट में, भारती एयरटेल, पावर ग्रिड, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस और रिलायंस इंडस्ट्रीज महत्वपूर्ण हारने वालों में से थे।
मिड-कैप सेगमेंट में, सैगिलिटी (Sagility) ने इंट्राडे में 12% से अधिक की महत्वपूर्ण उछाल देखी। इसके विपरीत, वोडाफोन आइडिया को अपने समायोजित सकल राजस्व (AGR) बकायों पर स्पष्टीकरण के बाद 12% से अधिक की तेज गिरावट का सामना करना पड़ा। एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस अपनी Q2 आय के बाद 4% से अधिक गिर गया, जबकि भेल (BHEL) ने Q2 FY26 के लिए समेकित शुद्ध लाभ (consolidated net profit) में 254% की साल-दर-साल वृद्धि दर्ज करने पर लगभग 5% की तेजी दर्ज की, जो 375 करोड़ रुपये रहा। ट्रैवल टेक फर्म इक्सिगो (Ixigo) को भी अपने सितंबर-तिमाही के परिणाम जारी करने के बाद 17% से अधिक गिरकर काफी दबाव का सामना करना पड़ा।
निवेशक अब 31 अक्टूबर को होने वाले व्यस्त आय (earnings) कार्यक्रम की ओर देख रहे हैं, जिसमें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन, बैंक ऑफ बड़ौदा, गेल (इंडिया), गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, मारुति सुजुकी और श्रीराम फाइनेंस जैसी प्रमुख कंपनियां अपनी सितंबर-तिमाही की वित्तीय परिणाम घोषित करेंगी।
प्रभाव: यह समाचार भारतीय शेयर बाजार को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है क्योंकि यह वर्तमान निवेशक भावना, घरेलू व्यापार पर वैश्विक आर्थिक नीतियों के प्रभाव और कंपनी-विशिष्ट प्रदर्शन को दर्शाता है। अस्थिरता निवेशकों के बीच सावधानी का सुझाव देती है। आगामी आय का मौसम व्यक्तिगत स्टॉक प्रदर्शन और क्षेत्र-विशिष्ट रुझानों के लिए महत्वपूर्ण होगा। प्रभाव रेटिंग: 7/10