Economy
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29th October 2025, 10:15 AM

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भारतीय शेयर बाज़ार ने सकारात्मक नोट पर ट्रेडिंग सत्र समाप्त किया, जिसमें बेंचमार्क सूचकांकों ने लाभ दर्ज किया। सेंसेक्स 0.44% बढ़कर 84,997.13 पर बंद हुआ, और निफ्टी 50 0.45% बढ़कर 26,053.90 पर स्थिर हुआ। निफ्टी बैंक इंडेक्स में भी 0.29% की मामूली वृद्धि देखी गई, जो 58,385.25 पर बंद हुआ।
दिन के टॉप परफॉर्मर्स में, सेंसेक्स पर अडानी पोर्ट्स, एनटीपीसी, पावर ग्रिड, एचसीएल टेक और टाटा स्टील उल्लेखनीय गेनर्स थे। इसके विपरीत, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, ईशर मोटर्स, लार्सन एंड टुब्रो और मारुति सुजुकी लाल निशान में बंद हुए, जिससे समग्र लाभ सीमित हो गया।
**मिडडे मूवर्स:** सरकारी चीनी निर्यात की अनुमति दे सकती है, जो मजबूत घरेलू उत्पादन और इथेनॉल के कम उपयोग के कारण है, ऐसी खबरों के बीच चीनी शेयरों ने ध्यान आकर्षित किया। ब्लू डार्ट एक्सप्रेस के शेयरों में बड़ी उछाल आई, जो इंट्राडे में लगभग 15% बढ़ गए। इसके विपरीत, सेबी द्वारा जारी किए गए एक परामर्श पत्र के बाद एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) के शेयरों में तेज गिरावट आई, जिसमें म्यूचुअल फंड के लिए संशोधित व्यय अनुपात (expense ratio) मानदंडों का प्रस्ताव दिया गया था।
**मेटल्स ने बाज़ार का मूड बेहतर किया:** मेटल सेक्टर ने बाजार की भावना को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, अपनी जीत की लय जारी रखी। निफ्टी मेटल इंडेक्स 2% से अधिक बढ़ा, जिसमें एसएआईएल (SAIL) में लगभग 8% की इंट्राडे वृद्धि देखी गई। हिंदुस्तान कॉपर, हिंदुस्तान जिंक और एनएमडीसी ने भी प्रत्येक में 3% से अधिक का लाभ दर्ज किया, जबकि वेदांता, जेएसडब्ल्यू स्टील और टाटा स्टील जैसे प्रमुख खिलाड़ी 2% से अधिक बढ़कर कारोबार कर रहे थे।
**आईपीओ फाइलिंग:** Imagine Marketing, boAt की मूल कंपनी ने, ₹1,500 करोड़ जुटाने के लक्ष्य के साथ, नियोजित इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के लिए अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) को अपडेट किया है।
**कमाई पर नज़र:** निवेशक अब गुरुवार, 30 अक्टूबर को होने वाली प्रमुख तिमाही आय (quarterly earnings) घोषणाओं पर नज़र गड़ाए हुए हैं। दूसरी तिमाही के परिणाम घोषित करने वाली प्रमुख कंपनियों में आई.टी.सी. (ITC), एनटीपीसी (NTPC), सिप्ला (Cipla), डीएलएफ (DLF), और केनरा बैंक (Canara Bank) शामिल हैं।
**शीर्षक: कठिन शब्दों की व्याख्या**
* **सेंसेक्स (Sensex)**: सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर सूचीबद्ध 30 स्थापित और वित्तीय रूप से सुदृढ़ कंपनियों का एक मिश्रित सूचकांक है। यह भारत के सबसे अधिक फॉलो किए जाने वाले स्टॉक मार्केट सूचकांकों में से एक है और भारतीय इक्विटी बाजार के समग्र स्वास्थ्य के बैरोमीटर के रूप में उपयोग किया जाता है। * **निफ्टी 50 (Nifty 50)**: निफ्टी 50 नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर सूचीबद्ध, बाजार पूंजीकरण के आधार पर 50 सबसे बड़ी भारतीय कंपनियों का सूचकांक है। यह भारतीय शेयर बाजार के लिए एक और प्रमुख बेंचमार्क सूचकांक है। * **निफ्टी बैंक (Nifty Bank)**: इस इंडेक्स में NSE पर सूचीबद्ध सबसे अधिक तरल और बड़े पूंजी वाले बैंकिंग स्टॉक शामिल हैं। यह बैंकिंग क्षेत्र के प्रदर्शन को ट्रैक करता है। * **DRHP (Draft Red Herring Prospectus)**: यह एक प्रारंभिक दस्तावेज है जिसे कोई कंपनी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के पास प्रतिभूतियों (securities) के सार्वजनिक प्रस्ताव, जैसे कि आईपीओ, करने से पहले दाखिल करती है। इसमें कंपनी, उसके वित्तीय, प्रबंधन और प्रस्तावित प्रस्ताव के बारे में विस्तृत जानकारी होती है। * **IPO (Initial Public Offering)**: यह वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक निजी कंपनी पहली बार जनता को अपने स्टॉक के शेयर बेचती है, जिससे वह एक सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी बन जाती है। यह अक्सर पूंजी जुटाने के लिए किया जाता है। * **AMCs (Asset Management Companies)**: ये ऐसी कंपनियाँ हैं जो कई निवेशकों से पैसा पूल करती हैं ताकि स्टॉक, बॉन्ड और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स जैसे सिक्योरिटीज में निवेश किया जा सके। वे निवेशकों की ओर से इन पूल किए गए फंडों का प्रबंधन करती हैं, अपनी सेवाओं के लिए शुल्क लेती हैं। म्यूचुअल फंड को AMCs द्वारा प्रबंधित किया जाता है। * **व्यय अनुपात (Expense Ratio)**: यह वह वार्षिक शुल्क है जो एक एसेट मैनेजमेंट कंपनी द्वारा म्यूचुअल फंड को प्रबंधित करने के लिए लिया जाता है, जिसे फंड की संपत्ति के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है। इसमें प्रबंधन शुल्क, प्रशासनिक लागत और विपणन व्यय शामिल होते हैं। * **परामर्श पत्र (Consultation Paper)**: यह एक नियामक निकाय (जैसे SEBI) द्वारा जारी किया गया एक दस्तावेज है जो अंतिम रूप देने से पहले प्रस्तावित नियमों, नीतियों या परिवर्तनों पर जनता, उद्योग प्रतिभागियों और हितधारकों से प्रतिक्रिया और राय मांगता है। * **FY26 (Fiscal Year 2026)**: भारत में उस वित्तीय वर्ष को संदर्भित करता है जो आम तौर पर 1 अप्रैल, 2025 से 31 मार्च, 2026 तक चलता है।