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हाईकोर्ट ने ऑडिट मामलों के लिए आयकर रिटर्न (ITR) की समय सीमा 30 नवंबर, 2025 तक बढ़ाई।

Economy

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29th October 2025, 1:30 PM

हाईकोर्ट ने ऑडिट मामलों के लिए आयकर रिटर्न (ITR) की समय सीमा 30 नवंबर, 2025 तक बढ़ाई।

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Short Description :

पंजाब और हरियाणा और हिमाचल प्रदेश सहित कई भारतीय हाईकोर्टों ने ऑडिट मामलों के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समय सीमा 31 अक्टूबर, 2025 से बढ़ाकर 30 नवंबर, 2025 कर दी है। यह गुजरात हाईकोर्ट के इसी तरह के निर्देश के बाद हुआ है, जिसमें ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने और ITR दाखिल करने के बीच एक महीने के अंतर की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। कर पेशेवर इन लगातार न्यायिक निर्णयों का पालन करने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) से राष्ट्रव्यापी अधिसूचना जारी करने का आग्रह कर रहे हैं।

Detailed Coverage :

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट और हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ऑडिट मामलों वाले करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की नियत तारीख बढ़ा दी है। नई समय सीमा अब 30 नवंबर, 2025 है, जो पिछली 31 अक्टूबर, 2025 की समय सीमा से बदली है। ये निर्णय इस महीने की शुरुआत में गुजरात हाईकोर्ट द्वारा स्थापित मिसाल के अनुरूप हैं। न्यायिक तर्क इस बात पर जोर देता है कि करदाताओं और कर पेशेवरों को अपने ऑडिट रिपोर्ट जमा करने और अंतिम ITR दाखिल करने के बीच पर्याप्त समय, विशेष रूप से एक महीने का अंतर चाहिए। कर पेशेवरों ने इन एक्सटेंशन का स्वागत किया है, इसे लाखों लोगों के लिए राहत के रूप में देखा है। हालांकि, वे केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) पर जोर दे रहे हैं कि वह जल्द से जल्द एक औपचारिक, अखिल भारतीय अधिसूचना जारी करे। वे चेतावनी देते हैं कि कई हाईकोर्टों से लगातार मिले निर्णयों को देखते हुए, CBDT द्वारा लगातार निष्क्रियता से अदालत की अवमानना ​​की कार्यवाही हो सकती है। दिल्ली हाईकोर्ट में भी ऐसी ही एक याचिका की सुनवाई होनी है। प्रभाव: यह खबर अनुपालन की समय सीमा बढ़ाकर बड़ी संख्या में करदाताओं और चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को महत्वपूर्ण राहत प्रदान करती है। हालांकि यह सीधे स्टॉक की कीमतों को प्रभावित नहीं करती है, लेकिन यह कई व्यवसायों और व्यक्तियों के लिए कर प्रशासन को सरल बनाती है, जिससे कर फाइलिंग में तनाव और त्रुटियां कम हो सकती हैं, जो समग्र आर्थिक वातावरण के लिए अप्रत्यक्ष रूप से सकारात्मक है। रेटिंग: 3/10।