Economy
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28th October 2025, 1:39 PM

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भारत के औद्योगिक उत्पादन ने लचीलापन दिखाया, जिसमें इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) सितंबर 2025 में 4% की स्थिर दर से बढ़ा, जो पिछले साल इसी महीने में दर्ज 3.2% से थोड़ा बेहतर है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने अगस्त 2025 के विकास आंकड़े को भी संशोधित कर 4.1% कर दिया है। वित्तीय वर्ष 2026 (अप्रैल-सितंबर) की पहली छमाही के लिए, समग्र औद्योगिक उत्पादन 3% बढ़ा, जो वित्त वर्ष 2025 की समान अवधि में देखे गए 4.1% से कम है। प्रमुख क्षेत्रों ने मिश्रित प्रदर्शन दिखाया। विनिर्माण उत्पादन एक मजबूत चालक था, जिसमें पिछले साल के 4% की तुलना में 4.8% की वृद्धि हुई। बिजली उत्पादन में भी काफी सुधार हुआ, जो एक साल पहले के 0.5% से बढ़कर 3.1% हो गया। हालांकि, खनन उत्पादन में 0.4% की गिरावट आई, जो सितंबर 2024 में मामूली 0.2% की वृद्धि के विपरीत है। विश्लेषण से पता चलता है कि संभावित वस्तु एवं सेवा कर (GST) युक्तिकरण से पहले स्टॉक करने और त्योहारी सीजन की शुरुआती मांग ने विनिर्माण का समर्थन किया। पूंजीगत वस्तुओं (Capital Goods) का उत्पादन 4.7% बढ़ा और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं (Consumer Durables) में 10.2% की भारी वृद्धि देखी गई, जो निवेश और मांग की ताकत का संकेत देता है। बुनियादी ढांचे और निर्माण वस्तुओं में भी 10.5% की मजबूत वृद्धि देखी गई। इसके विपरीत, उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं (Consumer Non-durables) में 2.9% की गिरावट आई। सितंबर में भारत के आठ प्रमुख उद्योगों (Core Industries) का विकास अगस्त के 6.5% से घटकर 3% हो गया, हालांकि स्टील और सीमेंट उत्पादन मजबूत बना रहा। प्रभाव: विशेष रूप से विनिर्माण और पूंजीगत वस्तुओं में यह स्थिर वृद्धि, निवेशक भावना के लिए सकारात्मक है, जो कुछ क्षेत्रीय कमजोरियों के बावजूद अंतर्निहित आर्थिक ताकत का सुझाव देती है। यह इन क्षेत्रों की कंपनियों के प्रदर्शन का समर्थन कर सकता है। हालांकि, वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में धीमी वृद्धि और खनन संकुचन पर नजर रखने की आवश्यकता है। रेटिंग: 6/10।