Economy
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31st October 2025, 11:26 AM
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अप्रैल से सितंबर की अवधि के लिए भारत का राजकोषीय घाटा ₹5.73 लाख करोड़ दर्ज किया गया है। यह आंकड़ा पूरे वित्तीय वर्ष के कुल बजट लक्ष्य का 36.5% है, जो पिछले साल की समान अवधि में दर्ज 29.4% से एक उल्लेखनीय वृद्धि है। सरकारी प्राप्तियां कुल ₹17.30 लाख करोड़ रहीं, जो वार्षिक बजट अनुमान का 49.5% है। सरकारी व्यय ₹23.03 लाख करोड़ रहा, जो नियोजित खर्च का 45.5% है। राजस्व प्राप्तियां ₹16.95 लाख करोड़ थीं, जिसमें ₹12.29 लाख करोड़ करों से और ₹4.66 लाख करोड़ गैर-कर स्रोतों से शामिल थे। गैर-कर राजस्व में एक महत्वपूर्ण योगदान भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा केंद्र सरकार को दिए गए ₹2.69 लाख करोड़ के लाभांश से आया। इस आय ने राजकोषीय घाटे को आंशिक रूप से पाटने में मदद की। राजस्व घाटा स्वयं ₹27,147 करोड़ रहा, जो वार्षिक लक्ष्य का 5.2% है। सरकार राजकोषीय घाटे को कम करने के अपने मध्यम अवधि के लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध है। लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2026 में इसे सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 4.4% तक लाना है, और वित्त वर्ष 26 तक 4.5% से कम का अंतर बनाए रखना है। इसके लिए मजबूत कर संग्रह और निरंतर पूंजीगत व्यय से समर्थन मिलने की उम्मीद है। प्रभाव: उम्मीद से अधिक राजकोषीय घाटा सरकारी उधारी को बढ़ा सकता है, जिससे ब्याज दरें बढ़ सकती हैं और व्यवसायों के लिए पूंजी की लागत बढ़ सकती है। यह वित्तीय तनाव का भी संकेत दे सकता है, जिससे निवेशकों का विश्वास प्रभावित हो सकता है। हालांकि, कमी का स्पष्ट लक्ष्य कुछ आश्वासन प्रदान करता है। प्रभाव रेटिंग: 7/10। कठिन शब्द: राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit), राजस्व प्राप्तियां (Revenue Receipts), कर राजस्व (Tax Revenue), गैर-कर राजस्व (Non-Tax Revenue), राजस्व घाटा (Revenue Deficit), सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product - GDP)।