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सितंबर में भारत का औद्योगिक उत्पादन 4% पर स्थिर, विनिर्माण क्षेत्र से मिली गति

Economy

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28th October 2025, 11:27 AM

सितंबर में भारत का औद्योगिक उत्पादन 4% पर स्थिर, विनिर्माण क्षेत्र से मिली गति

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Short Description :

भारत के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में सितंबर 2025 में पिछले महीने के समान, 4% की स्थिर साल-दर-साल वृद्धि देखी गई। विनिर्माण क्षेत्र मुख्य चालक था, जो 4.8% बढ़ा, विशेष रूप से बुनियादी धातुओं, बिजली के उपकरणों और मोटर वाहनों के मजबूत प्रदर्शन से इसे बढ़ावा मिला। हालांकि, खनन गतिविधि में मामूली गिरावट आई और बिजली उत्पादन की वृद्धि धीमी हुई। बुनियादी ढांचे और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं (consumer durables) में वृद्धि मजबूत बनी रही।

Detailed Coverage :

भारत का औद्योगिक उत्पादन, जिसे औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) द्वारा मापा जाता है, सितंबर 2025 में 4% की स्थिर साल-दर-साल वृद्धि दर बनाए रखी। यह आंकड़ा अगस्त के संशोधित अनुमान के अनुरूप है।

विनिर्माण क्षेत्र मुख्य योगदानकर्ता रहा, जिसने 4.8% का मजबूत विस्तार दर्ज किया। बुनियादी धातुओं (12.3% ऊपर), बिजली के उपकरणों (28.7% ऊपर), और मोटर वाहनों (14.6% ऊपर) जैसे प्रमुख उप-क्षेत्रों ने महत्वपूर्ण मजबूती दिखाई, जो इन वस्तुओं की मांग का संकेत देते हैं।

दूसरी ओर, खनन क्षेत्र के उत्पादन में 0.4% की गिरावट आई, जो पिछले महीने की वृद्धि के विपरीत है। बिजली उत्पादन में भी नरमी देखी गई, जो अगस्त के 4.1% की तुलना में 3.1% बढ़ा।

यह डेटा उत्पाद श्रेणियों में मिश्रित प्रदर्शन को दर्शाता है। बुनियादी ढांचागत वस्तुओं (infrastructure goods) ने अपनी मजबूत वृद्धि (+10.5%) जारी रखी, और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं (consumer durables) में उल्लेखनीय वृद्धि (+10.2%) देखी गई। उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं (consumer non-durables) ने एक छोटे (-2.9%) गिरावट के साथ बेहतर रुझान दिखाया। पूंजीगत वस्तुओं (capital goods) में भी मध्यम वृद्धि (+4.7%) देखी गई।

प्रभाव यह स्थिर IIP वृद्धि जारी आर्थिक गतिविधि और लचीलेपन का सुझाव देती है, जो आम तौर पर शेयर बाजार के लिए सकारात्मक है। मजबूत विनिर्माण उत्पादन, विशेष रूप से पूंजीगत वस्तुओं और ऑटोमोटिव क्षेत्रों में, आगामी व्यावसायिक निवेश और उपभोक्ता खर्च का संकेत दे सकता है। हालांकि, खनन में गिरावट पर नजर रखने की आवश्यकता है। Impact Rating: 6/10

स्पष्टीकरण: औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP): एक माप जो अर्थव्यवस्था के औद्योगिक क्षेत्रों में उत्पादन के अल्पकालिक परिवर्तनों को ट्रैक करता है। इसमें खनन, विनिर्माण और बिजली शामिल हैं। विनिर्माण क्षेत्र: अर्थव्यवस्था का वह हिस्सा जो कच्चे माल को तैयार माल में परिवर्तित करता है। खनन क्षेत्र: अर्थव्यवस्था का वह हिस्सा जो पृथ्वी से खनिज और अन्य भूवैज्ञानिक सामग्री निकालने में शामिल है। बिजली उत्पादन: विद्युत ऊर्जा का उत्पादन। उपयोग-आधारित वर्गीकरण: IIP डेटा को उत्पादों के अंतिम उपयोग के अनुसार भी वर्गीकृत किया जाता है, जैसे पूंजीगत वस्तुएं (मशीनरी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं (लंबे समय तक चलने वाली वस्तुएं, जैसे उपकरण), उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुएं (जल्दी इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं, जैसे भोजन), बुनियादी ढांचागत वस्तुएं और प्राथमिक वस्तुएं। उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं: वे वस्तुएं जो बार-बार उपयोग की जाती हैं और लंबे समय तक चलती हैं, जैसे रेफ्रिजरेटर, कार और फर्नीचर। उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुएं: वे वस्तुएं जो जल्दी उपभोग हो जाती हैं या जिनका जीवनकाल छोटा होता है, जैसे भोजन, पेय पदार्थ और प्रसाधन सामग्री। पूंजीगत वस्तुएं: अन्य वस्तुओं के उत्पादन में उपयोग की जाने वाली वस्तुएं, जैसे मशीनरी और उपकरण। बुनियादी ढांचागत वस्तुएं: बुनियादी ढांचे के निर्माण और रखरखाव में उपयोग की जाने वाली वस्तुएं, जैसे सीमेंट और स्टील।