Economy
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30th October 2025, 11:03 AM

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उपभोक्ता मामले विभाग ने विधिक मापविज्ञान [सरकारी अनुमोदित परीक्षण केंद्र (GATC)] नियम, 2013 में महत्वपूर्ण संशोधन पेश किए हैं। मुख्य लक्ष्य वज़न और माप के लिए भारत की सत्यापन अवसंरचना का विस्तार करना है, जिससे राष्ट्रव्यापी व्यापारिक लेन-देन में अधिक पारदर्शिता, सटीकता और निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके। इन संशोधित नियमों को उपभोक्ता संरक्षण को बढ़ावा देने और व्यवसाय करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इनका उद्देश्य भारत की सत्यापन प्रणाली को वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ सामंजस्य स्थापित करना भी है। प्रमुख बदलावों में सरकारी अनुमोदित परीक्षण केंद्रों (GATCs) को जिलों और राज्यों में उपकरणों को सत्यापित करने का अधिकार देना, और सत्यापन शुल्क को मानकीकृत करना शामिल है। GATC मान्यता के लिए आवेदन प्रक्रिया को स्पष्ट किया गया है, जिसमें निरीक्षण मानदंडों, कर्मचारियों की योग्यता और तकनीकी आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है। GATCs द्वारा सत्यापित किए जा सकने वाले उपकरणों का दायरा 18 श्रेणियों तक बढ़ाया गया है। इस सूची में जल, ऊर्जा और गैस मीटर जैसे सामान्य मीटरों के साथ-साथ स्फिग्मोमैनोमीटर, क्लिनिकल थर्मामीटर, लोड सेल और ब्रेथ एनालाइज़र जैसे विशेष उपकरण भी शामिल हैं। फ्लो मीटर और मल्टी-डायमेंशनल मापन उपकरणों का समावेश तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल बिठाने की आवश्यकता को दर्शाता है। प्रभाव: इस विस्तार से राष्ट्र की सत्यापन क्षमता में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है क्योंकि निजी प्रयोगशालाएं और उद्योग GATC के रूप में कार्य कर सकेंगे। इससे व्यवसायों के लिए सत्यापन की पहुंच में सुधार होगा, प्रतीक्षा समय कम होगा, और गलत मापों को कम करके उपभोक्ताओं के लिए अधिक मूल्य मिलेगा। सत्यापन को विकेन्द्रीकृत करने से, राज्य विधिक मापविज्ञान विभाग प्रवर्तन और उपभोक्ता शिकायत निवारण पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। इसके अलावा, भारत की घरेलू स्तर पर OIML प्रमाणपत्र जारी करने की क्षमता भारतीय निर्माताओं को वैश्विक बाजारों तक अधिक आसानी से पहुंचने में सशक्त बनाएगी।