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भारतीय कंपनियाँ बी-स्कूल हायरिंग में AI को अपना रही हैं, प्रॉम्प्ट स्किल्स अब प्रमुख अंतर कारक बन रहे हैं।

Economy

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31st October 2025, 10:34 AM

भारतीय कंपनियाँ बी-स्कूल हायरिंग में AI को अपना रही हैं, प्रॉम्प्ट स्किल्स अब प्रमुख अंतर कारक बन रहे हैं।

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Stocks Mentioned :

Ceat Limited

Short Description :

प्रमुख भारतीय कंपनियाँ, जिनमें सीएट (Ceat) भी शामिल है, अब बी-स्कूल छात्रों को भर्ती साक्षात्कारों और केस स्टडी विश्लेषणों के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स का उपयोग करने की अनुमति दे रही हैं। यह बदलाव कार्यस्थल में AI की व्यापक स्वीकृति को दर्शाता है। प्रभावी AI प्रॉम्प्ट तैयार करने की क्षमता एक महत्वपूर्ण कौशल के रूप में उभर रही है, जो यह प्रभावित कर रही है कि कौन से उम्मीदवार अंतिम शॉर्टलिस्ट में आएंगे।

Detailed Coverage :

शीर्ष बी-स्कूलों से कैंपस भर्ती का तरीका भारतीय कंपनियाँ मौलिक रूप से बदल रही हैं। पहले, AI टूल का उपयोग अक्सर प्रतिबंधित था, लेकिन अब, कंपनियाँ छात्रों को द्वितीयक अनुसंधान, विचारों को संरचित करने और उनके विश्लेषण और प्रस्तुतियों की गुणवत्ता बढ़ाने जैसे कार्यों के लिए AI का लाभ उठाने की सक्रिय रूप से अनुमति दे रही हैं। यह कदम पेशेवर वातावरण में AI के बढ़ते एकीकरण को स्वीकार करता है, कई कंपनियाँ कर्मचारी उत्पादकता बढ़ाने के लिए AI टूल पर आंतरिक प्रशिक्षण भी प्रदान कर रही हैं। भर्तीकर्ता अब उम्मीदवार की विचार प्रक्रिया और उपयोग किए गए उपकरणों को समझने में अधिक रुचि रखते हैं, विशेष रूप से वे अपने AI प्रॉम्प्ट कैसे तैयार करते हैं। इन प्रॉम्प्ट की गुणवत्ता को उत्पन्न समाधानों की गुणवत्ता निर्धारित करने में एक महत्वपूर्ण कारक माना जाता है, जो औसत और असाधारण उम्मीदवारों के बीच एक अंतर पैदा करता है। कंपनियाँ इस बात पर जोर देती हैं कि AI सोच को तेज करने में सहायता करे, उसका प्रतिस्थापन न करे, और मौलिकता, प्रामाणिकता और मानवीय निर्णय के महत्व पर जोर देती हैं। प्रभाव: यह प्रवृत्ति प्रतिभा अधिग्रहण (talent acquisition) में एक महत्वपूर्ण विकास का संकेत दे रही है, जो यह दर्शाता है कि कंपनियाँ ऐसे उम्मीदवारों को प्राथमिकता दे रही हैं जो AI जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों को प्रभावी ढंग से एकीकृत और उपयोग कर सकते हैं। इससे एक अधिक कुशल और अनुकूलनीय कार्यबल मिल सकता है, जो भारतीय व्यवसायों में समग्र उत्पादकता और नवाचार को बढ़ावा दे सकता है। प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग पर ध्यान एक नया कौशल सेट भी उजागर करता है जिसे बी-स्कूलों को अपने पाठ्यक्रम में एकीकृत करने की आवश्यकता हो सकती है।