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विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक तीन महीने की बिकवाली के बाद अक्टूबर में भारत में शुद्ध खरीदार बने

Economy

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1st November 2025, 9:51 AM

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक तीन महीने की बिकवाली के बाद अक्टूबर में भारत में शुद्ध खरीदार बने

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Short Description :

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) अक्टूबर 2025 में शुद्ध खरीदार बन गए, तीन महीने के बहिर्वाह (outflows) के बाद ₹8,696 करोड़ का निवेश किया। यह विदेशी विश्वास की वापसी का संकेत है, जो भारत की मैक्रोइकॉनॉमिक स्थिरता और कॉर्पोरेट आय (earnings) से प्रेरित है, खासकर प्राइमरी मार्केट निवेश में। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में अस्थिर ट्रेडिंग (volatile trading) हुई, लेकिन विश्लेषकों का मानना ​​है कि यह एक सकारात्मक संकेत है, हालांकि भविष्य के निवेश रुझान निरंतर आय वृद्धि और बाजार मूल्यांकन (market valuations) पर निर्भर करेंगे।

Detailed Coverage :

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने अक्टूबर 2025 में अपनी बिकवाली की श्रृंखला को उलट दिया, जिससे वे भारतीय इक्विटी और ऋण बाजारों (debt markets) में कुल ₹8,696 करोड़ के निवेश के साथ शुद्ध खरीदार बन गए। यह बदलाव तब आया जब FPIs ने जनवरी से सितंबर 2025 तक ₹1,39,909 करोड़ की शुद्ध इक्विटी बेची थी।

अक्टूबर में, FPIs ने प्राइमरी मार्केट में ₹10,707 करोड़ का निवेश किया, जो नए मुद्दों (new issues) पर उच्च प्रीमियम से आकर्षित थे। एक्सचेंजों के माध्यम से इक्विटी खरीद ₹3,902 करोड़ रही, हालांकि इस आंकड़े में कुछ बल्क डील्स (bulk deals) भी शामिल हैं। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में मिश्रित गतिविधि देखी गई, जिसमें 29 अक्टूबर को ₹9,969.19 करोड़ का एक दिन का रिकॉर्ड शुद्ध निवेश हुआ, जिसके बाद अगले दिनों में शुद्ध बहिर्वाह (net outflows) हुए।

Geojit Investments के डॉ. वी.के. विजयकुमार और Morningstar Investment Research India के हिमांशु श्रीवास्तव जैसे विशेषज्ञों ने भारत की मैक्रोइकॉनॉमिक और आय स्थिरता (earnings stability) का हवाला देते हुए विदेशी विश्वास की वापसी पर ध्यान दिया। हालांकि, विजयकुमार ने सावधानी बरतते हुए कहा कि निरंतर खरीदारी भारत की कॉर्पोरेट आय वृद्धि की दिशा (earnings growth trajectory) और बाजार मूल्यांकन (market valuations) पर निर्भर करेगी।

प्रभाव: FPIs द्वारा शुद्ध खरीदारी की ओर यह बदलाव आम तौर पर प्रतिभूतियों (securities) की मांग बढ़ाकर भारतीय शेयर बाजार का समर्थन करता है, जिससे संभावित रूप से मूल्य वृद्धि (price appreciation) हो सकती है। यह विदेशी निवेशक भावना (investor sentiment) में सुधार का संकेत देता है, जो समग्र बाजार विश्वास को बढ़ा सकता है। हालांकि, आय वृद्धि पर निर्भरता और उच्च मूल्यांकन (high valuations) की संभावित चिंताएं भविष्य में अस्थिरता ला सकती हैं।

प्रभाव रेटिंग: 7/10