Economy
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2nd November 2025, 11:56 AM
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विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने भारतीय ऋण बाजार (debt market) में अक्टूबर के दौरान सरकारी सिक्योरिटीज में ₹13,397 करोड़ का निवेश करके मजबूत विश्वास दिखाया, जो पिछले सात महीनों में सबसे अधिक मासिक इनफ्लो है। यह महत्वपूर्ण निवेश फुली एक्सेसिबल रूट (FAR) के तहत हुआ। बाजार सहभागियों ने इस उछाल का श्रेय कई प्रमुख कारकों को दिया: भारतीय रुपये की स्थिरता, व्यापार सौदे की संभावनाओं के आसपास सकारात्मक भावना, भारत और अन्य बाजारों के बीच आकर्षक ब्याज दर अंतर, और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा आगे मौद्रिक नीति में ढील (monetary easing) की उम्मीदें। बाजार विश्लेषण से पता चलता है कि भारतीय सरकारी सिक्योरिटीज पर यील्ड (yields) अन्य उभरते बाजारों की तुलना में अधिक आकर्षक हो गए हैं, जैसा कि IDFC FIRST Bank के मुख्य अर्थशास्त्री गौरा सेंगupta ने बताया। 10-वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी (लगभग 4.08% पर कारोबार कर रहा है) और समान अवधि के भारतीय बॉन्ड (6.53% पर समाप्त) के बीच वर्तमान ब्याज दर स्प्रेड (spread), विदेशी निवेशकों को 245 आधार अंकों (basis points) का पर्याप्त लाभ प्रदान करता है। रुपये के सक्रिय प्रबंधन, अत्यधिक अस्थिरता को नियंत्रित करने और तेज मूल्यह्रास (depreciation) को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के प्रयासों ने निवेशक विश्वास को और बढ़ाया। भविष्य में मौद्रिक ढील की उम्मीदें और एक व्यापार सौदे का अंतिम रूप भी इन इनफ्लो को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रभाव: यह खबर भारतीय बॉन्ड बाजार के लिए सकारात्मक है, जिससे संभावित रूप से अधिक तरलता (liquidity), सरकार के लिए स्थिर उधार लागत और भारतीय रुपये को समर्थन मिल सकता है। यह भारत के आर्थिक दृष्टिकोण और वित्तीय स्थिरता में विदेशी निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है। प्रभाव रेटिंग: 8/10.