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मैनलाइफ इन्वेस्टमेंट्स का कहना है: यूएस फेडरल रिजर्व की दर कटौती 'नॉन-इवेंट' हो सकती है, बाज़ार फॉरवर्ड गाइडेंस पर ध्यान केंद्रित करेंगे

Economy

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29th October 2025, 4:40 AM

मैनलाइफ इन्वेस्टमेंट्स का कहना है: यूएस फेडरल रिजर्व की दर कटौती 'नॉन-इवेंट' हो सकती है, बाज़ार फॉरवर्ड गाइडेंस पर ध्यान केंद्रित करेंगे

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Short Description :

मैनलाइफ इन्वेस्टमेंट्स का मानना ​​है कि आगामी यूएस फेडरल रिजर्व दर कटौती पहले से ही बाज़ारों में शामिल (priced in) हो चुकी है और यह एक 'नॉन-इवेंट' (अप्रत्याशित घटना) होगी। निवेशकों का ध्यान अब फेड की फॉरवर्ड गाइडेंस और क्वांटिटेटिव टाइटनिंग (क्यूटी) योजनाओं पर स्थानांतरित हो रहा है। जबकि उम्मीदों के अनुरूप बैठक बिना किसी बड़ी प्रतिक्रिया के बीत सकती है, मुद्रास्फीति की चिंताओं के निरंतर बने रहने के किसी भी संकेत से अस्थिरता बढ़ सकती है। फर्म सोने और चांदी में मौजूदा गिरावट को स्वस्थ समेकन (healthy consolidation) मानती है और भारत पर तटस्थ रुख बनाए रखती है, इसे एक विविधीकरण (diversifier) के रूप में महत्व देती है।

Detailed Coverage :

मैनलाइफ इन्वेस्टमेंट्स में मल्टी-एसेट सॉल्यूशंस एशिया के डिप्टी हेड, मार्क फ्रैंकलिन, सुझाव देते हैं कि अपेक्षित यूएस फेडरल रिजर्व दर कटौती से महत्वपूर्ण बाजार हलचल होने की संभावना नहीं है, क्योंकि बाज़ारों ने इस घटना को मौजूदा कीमतों में पहले ही शामिल कर लिया है। अब निवेशकों का प्राथमिक ध्यान केंद्रीय बैंक की फॉरवर्ड गाइडेंस और क्वांटिटेटिव टाइटनिंग (क्यूटी) कार्यक्रम के संबंध में उसकी रणनीति पर है। फ्रैंकलिन ने समझाया कि यदि फेड दर कटौती के लिए बाज़ार की अपेक्षाओं को पूरा करता है और क्यूटी को समाप्त करने की अपनी योजना को स्पष्ट करता है, तो आगामी बैठक अप्रत्याशित (uneventful) रहने की उम्मीद है। हालांकि, फेड की ओर से किसी भी सावधानी के संकेत, जैसे कि "अपने दांव को सुरक्षित करना" (hedging its bets) या मुद्रास्फीति के बारे में निरंतर चिंता, विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों (asset classes) में बढ़ी हुई अस्थिरता पैदा कर सकती हैं। सीएमई फेडवॉच टूल (CME FedWatch Tool) के अनुसार, संघीय रिजर्व की 29 अक्टूबर, 2025 की बैठक तक दर कटौती की बाज़ार में लगभग सर्वसम्मति से उम्मीद है। यदि कोई आश्चर्यजनक ठहराव आता है, तो यह बाज़ार की भावना को केवल तभी महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करेगा जब यह मुद्रास्फीति जोखिमों के मौलिक पुनर्मूल्यांकन से उत्पन्न हो। कीमती धातुओं के संबंध में, फ्रैंकलिन ने सोने और चांदी की कीमतों में हालिया गिरावट को "तकनीकी रूप से अति-विस्तारित" (technically overstretched) होने की अवधि के बाद एक "स्वस्थ समेकन" (healthy consolidation) बताया। उनका मानना ​​है कि सोने के लिए दीर्घकालिक कारक, जिनमें भू-राजनीतिक अनिश्चितता, सहायक राजकोषीय और मौद्रिक नीतियां, और अमेरिकी डॉलर से केंद्रीय बैंक का विविधीकरण शामिल है, मजबूत बने हुए हैं। वैश्विक इक्विटी पर, फ्रैंकलिन ने मजबूत रैली देखी लेकिन अधिक चयनात्मकता (selectivity) बढ़ाने की सलाह दी। एशिया के भीतर, उनकी फर्म सिंगापुर के इक्विटी पर सकारात्मक है। भारत के लिए, मैनलाइफ एक तटस्थ रुख बनाए रखती है, भारतीय बाज़ार को उत्तरी एशिया के संभावित रूप से विस्तारित चक्रीय बाज़ारों से एक मूल्यवान "विविधीकरण" (diversifier) के रूप में देखती है। प्रभाव: यह समाचार बताता है कि फेड दर कटौती की उम्मीद के बावजूद, प्रत्यक्ष बाजार प्रतिक्रिया मामूली हो सकती है। हालांकि, मुद्रास्फीति या क्यूटी पर फेड टिप्पणियों में बदलाव विश्व स्तर पर अस्थिरता पैदा कर सकते हैं, जिससे भारतीय बाज़ारों पर भी असर पड़ेगा। कीमती धातुओं का दृष्टिकोण स्थिर है और भारत की विविधीकरण भूमिका पर प्रकाश डाला गया है। रेटिंग: 6/10