Economy
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3rd November 2025, 12:28 AM
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अल्केमी कैपिटल मैनेजमेंट के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर हिरेन वेद का सुझाव है कि भारतीय शेयर बाजार अपनी वर्तमान कंसोलिडेशन (स्थिरता) की अवधि से आगे बढ़ने के लिए तैयार है, जिसका मुख्य कारण अमेरिकी व्यापार सौदे जैसे बाहरी कारकों के बजाय घरेलू आर्थिक ट्रिगर्स होंगे। उन्होंने सरकारी पहलों जैसे आयकर और जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) में कमी, साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा फ्रंट-लोडेड रेपो रेट कट, बढ़ी हुई लिक्विडिटी और आसान ऋण मानदंडों जैसे सक्रिय उपायों की ओर इशारा किया है। इन कार्यों से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने और साल की दूसरी छमाही में कॉर्पोरेट आय में आवश्यक पुनरुद्धार होने की उम्मीद है। वेद ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और डेटा सेंटर को प्रमुख निवेश थीम के रूप में भी पहचाना है। जबकि भारत वैश्विक दिग्गजों की तरह फाउंडेशनल लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) विकसित नहीं कर रहा होगा, यह डेटा सेंटर, सर्वर, कूलिंग सिस्टम और संबंधित सेवाओं सहित एआई इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करता है। भारत में डिजिटल प्लेटफार्मों के विशाल उपयोगकर्ता आधार के कारण वैश्विक तकनीकी कंपनियां अपने डेटा सेंटर फुटप्रिंट का विस्तार कर रही हैं। उन्होंने नोट किया कि भारत विभिन्न क्षेत्रों के लिए विशेष एआई अनुप्रयोग विकसित करने के लिए अच्छी स्थिति में है। हालांकि, वेद ने अनलिस्टेड मार्केट के संबंध में सावधानी बरतने की सलाह दी है, यह कहते हुए कि मूल्यांकन 'फ्रॉथी' (बहुत अधिक) बने हुए हैं और सौदे अक्सर 'प्राइस्ड टू परफेक्शन' (पूर्णता के लिए मूल्यवान) होते हैं। उन्होंने निजी बाजार के निवेश पर विचार करते समय निवेशकों के लिए अत्यधिक चयनात्मक होने की आवश्यकता पर जोर दिया।