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भारत के जीएसटी कलेक्शन में अक्टूबर में 4.6% की वृद्धि, दर कटौती के बावजूद खपत मजबूत बनी हुई है

Economy

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1st November 2025, 2:59 PM

भारत के जीएसटी कलेक्शन में अक्टूबर में 4.6% की वृद्धि, दर कटौती के बावजूद खपत मजबूत बनी हुई है

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Short Description :

अक्टूबर 2025 के लिए भारत का वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह, जो सितंबर की आर्थिक गतिविधियों को दर्शाता है, साल-दर-साल 4.6% बढ़कर ₹1.96 लाख करोड़ हो गया। यह वृद्धि सितंबर के अंत में महत्वपूर्ण जीएसटी दर युक्तिकरण और प्रमुख मदों पर उपकर की समाप्ति के बावजूद खपत की निरंतर मजबूती का संकेत देती है। जबकि ये आंकड़े सरकारी उम्मीदों के अनुरूप हैं, विशेषज्ञों का सुझाव है कि आने वाले महीने नई कर व्यवस्था के तहत राजस्व वृद्धि की स्पष्ट तस्वीर देंगे, जिसमें बढ़े हुए रिफंड दावों और राज्यों में असमान वृद्धि जैसी संभावित चुनौतियों पर ध्यान दिया जाएगा।

Detailed Coverage :

अक्टूबर 2025 में भारत का जीएसटी संग्रह ₹1.96 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4.6% की वृद्धि है। यह वृद्धि 22 सितंबर से प्रभावी हुए महत्वपूर्ण जीएसटी दर युक्तिकरण और ऑटोमोबाइल जैसी वस्तुओं पर उपकर की समाप्ति के बावजूद खपत की निरंतर मजबूती को दर्शाती है। जहां ये आंकड़े सरकारी अपेक्षाओं के अनुरूप हैं, वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीने नई कर व्यवस्था के तहत राजस्व की वृद्धि को स्पष्ट करेंगे, जिसमें बढ़े हुए रिफंड दावों और राज्यों में असमान वृद्धि जैसी संभावित चुनौतियों पर ध्यान दिया जाएगा। उद्योग विशेषज्ञों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मामूली वृद्धि खपत की मजबूती को रेखांकित करती है, लेकिन राज्यों के बीच असमानताओं के प्रति आगाह किया, जिसके लिए लक्षित नीतियों की आवश्यकता है। टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी सर्विसेज के विवेक Jalan ने कहा कि जीएसटी दरों में कटौती से पैकेजिंग और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में उल्टी शुल्क संरचना (inverted duty structure) गहरी हो सकती है, जिससे नवंबर से रिफंड दावों में वृद्धि हो सकती है, जो शुद्ध राजस्व को प्रभावित कर सकती है। बीडीओ इंडिया के कार्तिक मणि ने घरेलू लेनदेन में स्थिरता देखी लेकिन नवंबर में आपूर्ति मात्रा बढ़ने से उच्च संग्रह की उम्मीद जताई। ग्रांट थॉर्नटन भारत के मनोज मिश्रा ने घरेलू रिफंड वितरण में 40% की वृद्धि और आयात-संबंधित आईजीएसटी में 13% वृद्धि को सकारात्मक संकेत बताया। नंगिया एंडरसन एलएलपी के शिवकुमार रामजी ने प्रमुख राज्यों को प्रमुख योगदानकर्ता बताया लेकिन चेतावनी दी कि कमजोर राज्यों को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। ईवाई इंडिया के सौरभ अग्रवाल और प्राइस वाटरहाउस एंड कंपनी एलएलपी के प्रतीक जैन ने कर निश्चितता और कार्यशील पूंजी के दबाव को दूर करने के प्रयासों को निवेशक विश्वास बढ़ाने वाला बताया। प्रभाव: यह खबर महत्वपूर्ण है क्योंकि जीएसटी संग्रह भारत के आर्थिक स्वास्थ्य, खपत और राजकोषीय ताकत का संकेत देते हैं। लगातार वृद्धि लचीलापन दर्शाती है, जिससे निवेशक भावना बढ़ती है। हालांकि, संभावित रिफंड दबावों और राज्य-स्तरीय असमानताओं की निगरानी की आवश्यकता है। प्रभाव रेटिंग: 8/10। कठिन शब्द: जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर): पूरे भारत में माल और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाने वाला एक एकीकृत अप्रत्यक्ष कर। जीएसटी दर युक्तिकरण: जीएसटी प्रणाली के तहत विभिन्न कर दरों को समायोजित और सरल बनाने की प्रक्रिया। उपकर (Compensation Cess): जीएसटी कार्यान्वयन के बाद राज्यों के राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए विशिष्ट वस्तुओं पर लगाया जाने वाला अतिरिक्त कर; इसका उन्मूलन संग्रह को प्रभावित करता है। उल्टी शुल्क संरचना (Inverted Duty Structure): एक कर परिदृश्य जहां इनपुट पर कर तैयार माल पर कर से अधिक होता है, जिससे रिफंड दावों की स्थिति बनती है। सीजीएसटी (केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर): जीएसटी राजस्व का वह हिस्सा जो केंद्र सरकार का होता है।