Economy
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29th October 2025, 3:04 PM

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वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत, नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NICDC) ने 'कोयला शक्ति' नामक एक व्यापक कोल एनालिटिक्स डैशबोर्ड लॉन्च किया है। कोयला मंत्रालय के साथ मिलकर विकसित किया गया यह प्लेटफॉर्म कोयला उत्पादन, परिवहन और खपत की रियल-टाइम मॉनिटरिंग प्रदान करने का लक्ष्य रखता है। यह 48 से अधिक एपीआई (APIs) को एकीकृत करता है और 15 बंदरगाहों से डेटा खींचता है, जिससे कोयला मूल्य श्रृंखला में दक्षता, पारदर्शिता और स्थिरता बढ़ती है।
इसी के साथ, वाणिज्य मंत्रालय की एक शाखा, एपीडा (APEDA - Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority) ने भौगोलिक संकेत (GI) - टैग वाले 'इंडी' और 'पुलियानकुडी' नींबू की यूनाइटेड किंगडम में हवाई शिपमेंट की सुविधा प्रदान की है। इस शिपमेंट में कर्नाटक से 350 किलोग्राम इंडी नींबू और तमिलनाडु से 150 किलोग्राम पुलियानकुडी नींबू शामिल थे।
इसके अतिरिक्त, वाणिज्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि 1 नवंबर 2025 से, आयात-निर्यात कोड (IEC) धारकों की एक विस्तृत श्रृंखला 'सोर्स फ्रॉम इंडिया' प्लेटफॉर्म पर माइक्रोसॉफ्ट बनाने के लिए पात्र होगी। पहले केवल स्टेटस होल्डर पात्र थे। यह विस्तार उन निर्यातकों को अनुमति देता है जिन्होंने पिछले तीन वित्तीय वर्षों में से कम से कम एक में 1 लाख अमेरिकी डॉलर की न्यूनतम निर्यात प्राप्ति हासिल की है, वे प्लेटफॉर्म पर अपनी डिजिटल उपस्थिति बना सकते हैं। यह प्लेटफॉर्म ट्रेड कनेक्ट ई-प्लेटफॉर्म (Trade Connect ePlatform) का हिस्सा है, जो विदेशी खरीदारों को भारतीय आपूर्तिकर्ताओं को ढूंढने में मदद करता है।
प्रभाव: यह खबर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक विकास का संकेत देती है। 'कोयला शक्ति' डैशबोर्ड से महत्वपूर्ण कोयला क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता और दक्षता आने की उम्मीद है, जो ऊर्जा कीमतों और औद्योगिक उत्पादन को संभावित रूप से प्रभावित कर सकता है। जीआई-टैग वाले कृषि उत्पादों का सफल निर्यात विदेशों में विशिष्ट कृषि बाजारों में भारत की बढ़ती क्षमता को उजागर करता है, जिससे किसानों की आय और निर्यात राजस्व में वृद्धि होती है। 'सोर्स फ्रॉम इंडिया' प्लेटफॉर्म का विस्तार व्यापार सुविधा को सरल बनाने और भारतीय निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं से जुड़ना विदेशी खरीदारों के लिए आसान बनाकर भारत के निर्यात पदचिह्न को विश्व स्तर पर बढ़ाने का लक्ष्य रखता है। ये पहलें सामूहिक रूप से भारत के व्यापार संतुलन और औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार में योगदान करती हैं। इंपैक्ट रेटिंग: 7/10।