Economy
|
29th October 2025, 3:28 PM

▶
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने अपनी नैतिकता संहिता (Code of Ethics) में एक महत्वपूर्ण सुधार शुरू किया है, जिसका उद्देश्य बड़ी, बहु-विषयक (multi-disciplinary) घरेलू पेशेवर सेवा फर्मों के विकास के सरकार के दृष्टिकोण का समर्थन करना है। प्रस्तावित परिवर्तनों में स्थिरता आश्वासन (sustainability assurance) के लिए नए मानक, ऑडिट स्वतंत्रता (audit independence) में वृद्धि, शुल्क निर्भरता (fee dependency) की सीमा में समायोजन और विज्ञापन प्रथाओं का अद्यतन जैसी कई महत्वपूर्ण बातें शामिल हैं।
'स्थिरता आश्वासन के लिए नैतिकता मानक' (Ethics Standards for Sustainability Assurance) नामक एक नया अध्याय प्रस्तावित किया गया है ताकि अंतर्राष्ट्रीय मानकों से प्रेरणा लेते हुए, स्थिरता रिपोर्टों पर आश्वासन प्रदान करने में चिकित्सकों का मार्गदर्शन किया जा सके। स्पष्टता के लिए 'पेशेवर एकाउंटेंट' (professional accountant) शब्द को 'चार्टर्ड एकाउंटेंट' (Chartered Accountant) में बदल दिया जाएगा।
कॉर्पोरेट फॉर्म दिशानिर्देशों (Corporate Form guidelines) में संशोधन का उद्देश्य फोरेंसिक अकाउंटिंग (forensic accounting), सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन (social impact assessment), सीएसआर प्रभाव विश्लेषण (CSR impact analysis) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artificial intelligence) सेवाओं जैसी सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला की अनुमति देना है, साथ ही वेबसाइट विकास (website development) की भी अनुमति देना है।
इसके अलावा, ICAI ने पब्लिक इंटरेस्ट एंटिटीज (PIEs) के लिए सख्त ऑडिटर स्वतंत्रता (auditor independence) नियम प्रस्तावित किए हैं, जैसे सूचीबद्ध कंपनियों (listed companies) के लिए, जो ऑडिटर को उसी इकाई को गैर-ऑडिट सेवाएं (non-audit services) प्रदान करने से रोकते हैं। यह ऑडिटर की स्वतंत्रता के संबंध में नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA) द्वारा उठाए गए चिंताओं का जवाब है। PIEs के लिए शुल्क निर्भरता सीमा (fee dependency threshold) को बढ़ाकर 20% कर दिया गया है, और PIE की परिभाषा का विस्तार करके उसमें उन संस्थाओं को भी शामिल किया गया है जिनका प्राथमिक कार्य सार्वजनिक जमा लेना (public deposit taking) है।
प्रभाव: इन बदलावों से भारत में कॉर्पोरेट गवर्नेंस (corporate governance) और ऑडिट की गुणवत्ता में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है। ये बड़े, एकीकृत पेशेवर सेवा फर्मों (integrated professional services firms) के गठन को सुविधाजनक बनाएंगे जो सेवाओं का एक व्यापक सूट (comprehensive suite of services) पेश करने में सक्षम हैं, जिससे वैश्विक मंच (global stage) पर भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। एक्सपोजर ड्राफ्ट (Exposure Drafts) पर सुझाव जमा करने की अंतिम तिथि 26 नवंबर है।