भारत में सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में जोरदार पुनरुद्धार देखा जा रहा है, जो वित्त वर्ष 26 में आर्थिक गति को बढ़ावा देने के लिए तैयार है। केंद्र का कैपेक्स 40% बढ़ा, राज्यों का कैपेक्स 13% बढ़ा, और निजी क्षेत्र का निवेश 11% बढ़कर 9.4 लाख करोड़ रुपये हो गया। तेल और गैस, बिजली, दूरसंचार, ऑटो और धातु जैसे क्षेत्रों में यह वृद्धि देखी जा रही है। नई निवेश घोषणाएं 15% बढ़ी हैं, जिसमें विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) प्रमुख है। नवीकरणीय ऊर्जा (रिन्यूएबल्स) भी विकास का एक प्रमुख क्षेत्र है। आशावादी होने के बावजूद, घरेलू मांग और वैश्विक कारकों से चुनौतियाँ बनी हुई हैं।