सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि गैर-निवासी संस्थाओं को किए जाने वाले रेमिटेंस पर स्रोत पर कर कटौती (TDS) दोहरे कराधान से बचाव समझौतों (DTAA) में निर्धारित 10% से अधिक नहीं हो सकती। 20% की उच्च दर के लिए आयकर विभाग की अपील को खारिज करते हुए, शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि स्थायी खाता संख्या (PAN) अनुपस्थित होने पर DTAA के लाभ धारा 206AA पर प्रभावी होंगे। इस ऐतिहासिक निर्णय से Mphasis, Wipro और Manthan Software Services जैसी भारतीय IT फर्मों को उनके विदेशी भुगतानों के संबंध में महत्वपूर्ण राहत मिली है।