मूडीज़ रेटिंग्स और मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषकों की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 26 (FY26) में भारत की सरकारी राजस्व वृद्धि दबाव में है। टैक्स में कटौती, जिसमें आयकर छूट की सीमा बढ़ाना और जीएसटी दरों को कम करना शामिल है, साथ ही धीमी कर वसूली ने राजस्व प्रवाह को काफी प्रभावित किया है। इससे सरकार की ओर से और अधिक राजकोषीय सहायता प्रदान करने की क्षमता सीमित हो गई है और राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने की चिंताएँ बढ़ गई हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि यदि मुद्रास्फीति कम होती रही तो भारतीय रिजर्व बैंक और अधिक दर में कटौती पर विचार कर सकता है।