मोदी-पुतिन की मुलाकात और RBI नीति का इंतज़ार: भारतीय बाज़ार अहम फैसलों के लिए तैयार!
Overview
गुरुवार को भारतीय बाज़ारों की शुरुआत सावधानी से हुई, गिफ्ट निफ्टी में गिरावट देखी गई, क्योंकि निवेशक महत्वपूर्ण संकेतों का इंतज़ार कर रहे हैं। प्रमुख घटनाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात और भारतीय रिज़र्व बैंक का इस साल का अंतिम नीतिगत निर्णय शामिल है। वैश्विक बाज़ारों में मिश्रित संकेत दिखे, वहीं FIIs शुद्ध बिकवाल बन गए।
गुरुवार को भारतीय शेयर बाज़ारों ने सावधानी भरे अंदाज़ में सत्र की शुरुआत की, जैसा कि गिफ्ट निफ्टी की थोड़ी गिरावट वाली ओपनिंग से पता चला। ट्रेडर वैश्विक आर्थिक संकेतों पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं, जिसमें कच्चे तेल, सोना और प्रमुख मुद्राओं की चाल शामिल है, जिनके बाज़ार की भावना को निर्देशित करने की उम्मीद है। 3 दिसंबर को, भारतीय शेयर बाज़ार सपाट बंद हुआ था। बेंचमार्क सेंसेक्स में 31 अंकों की मामूली गिरावट आई, जो 85,106 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 46 अंक गिरकर 25,986 पर बंद हुआ।
मुख्य राजनीतिक और आर्थिक घटनाएँ
- प्रधानमंत्री मोदी की पुतिन से मुलाकात: आज दुनिया का ध्यान भारत पर है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की निजी रात्रिभोज के लिए मेजबानी की तैयारी कर रहे हैं। यह 2021 के बाद पुतिन की भारत की पहली यात्रा है और यह रूस-यूक्रेन संघर्ष, पश्चिमी प्रतिबंधों और मॉस्को से ऊर्जा आयात को लेकर भारत पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव सहित महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक तनावों के बीच हो रही है।
- भारतीय रिज़र्व बैंक नीति बैठक: भारतीय रिज़र्व बैंक की इस साल की अंतिम मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक चल रही है, जिसमें आज भी चर्चा जारी रहेगी। समिति यह तय करेगी कि वर्तमान ब्याज दरों को बनाए रखना है या उनमें कमी करनी है। रेपो रेट पिछले चार बैठकों से 5.5% पर अपरिवर्तित है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है, कुछ यथास्थिति की उम्मीद कर रहे हैं और अन्य 25-आधार-अंक की दर में कटौती की भविष्यवाणी कर रहे हैं।
वैश्विक बाज़ार प्रदर्शन और संकेत
- एशियाई बाज़ार: एशिया-पसिफ़िक बाज़ारों ने मिश्रित रुझान के साथ कारोबार की शुरुआत की। जापान के निक्केई 225 में 0.3% की मामूली वृद्धि देखी गई, टॉपिक्स भी ऊपर गया। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.45% गिरा, जबकि कोस्डैक में थोड़ी बढ़त हुई। ऑस्ट्रेलिया का एस एंड पी/ए एस एक्स 200 काफी हद तक स्थिर रहा।
- अमेरिकी बाज़ार: अमेरिकी बाज़ार 3 दिसंबर को बढ़त के साथ बंद हुए। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 408 अंक (0.86%) बढ़ा, एस एंड पी 500 में 0.30% की वृद्धि हुई, और नैस्डैक कंपोजिट में 0.17% की बढ़त हुई।
- मुद्रा और वस्तुएं: यूएस डॉलर इंडेक्स (DXY) में मामूली वृद्धि देखी गई, जबकि भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूत हुआ। कच्चे तेल की कीमतों में मामूली तेज़ी आई, WTI और ब्रेंट क्रूड में बढ़त के साथ कारोबार हुआ।
बाज़ार प्रतिभागी और क्षेत्र प्रदर्शन
- विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) और घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs): विदेशी निवेशकों ने बुधवार को शुद्ध बिकवाल बनकर Rs 3,207 करोड़ निकाले। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने खरीदार के रूप में कदम रखा, Rs 4,730 करोड़ के शेयर खरीदे।
- शीर्ष प्रदर्शन करने वाले क्षेत्र: अलौह धातु क्षेत्र (non-ferrous metals sector) ने 1.3% की वृद्धि के साथ बढ़त का नेतृत्व किया, उसके बाद कागज क्षेत्र (1.13%) और REITs और InvITs (1.08%) रहे।
- व्यावसायिक समूह प्रदर्शन: व्यावसायिक समूहों में, रुचि समूह (Ruchi Group) में सबसे तेज़ वृद्धि देखी गई, जो 3.58% ऊपर था, उसके बाद वाडिया समूह (Wadia Group) (2.98%) और रौनक समूह (Raunaq Group) (1.97%) रहे। इसके विपरीत, एडवेंट्ज़ समूह (Adventz Group), मैक्स इंडिया समूह (Max India Group) और यश बिड़ला समूह (Yash Birla Group) में गिरावट आई।
प्रभाव
भू-राजनीतिक घटनाओं, केंद्रीय बैंक की नीतियों और वैश्विक बाज़ारों के बदलते रुझानों का यह मेल निवेशकों के लिए एक गतिशील वातावरण बनाता है। मोदी-पुतिन की मुलाकात और RBI की नीतिगत घोषणा का परिणाम भारतीय शेयर बाज़ार में निवेशक की भावना, मुद्रा की स्थिरता और क्षेत्र-विशिष्ट प्रदर्शन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है। सावधानी भरी ओपनिंग और FII बिकवाली से पता चलता है कि बाज़ार प्रतिभागी 'प्रतीक्षा करो और देखो' की रणनीति अपना रहे हैं।

