जापान की सरकारी बॉन्ड यील्ड्स प्रोत्साहन और मुद्रास्फीति के कारण बढ़ रही हैं, लेकिन भारत का बॉन्ड मार्केट काफी हद तक अप्रभावित है। विशेषज्ञ इस लचीलेपन का श्रेय तरलता की स्थिति और आगामी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति जैसे घरेलू कारकों को देते हैं। RBI से अपेक्षा की जाती है कि वह वैश्विक संकेतों पर प्रतिक्रिया करने के बजाय स्थिरता और तरलता प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करेगी। भारतीय बॉन्ड यील्ड्स के लिए कोई तत्काल जोखिम नहीं है, और RBI की आगामी नीतिगत बैठक में दर में कटौती की उम्मीदें हैं।