भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज, NSE पर नकदी डिलीवरी वॉल्यूम चालू वित्तीय वर्ष में 50% से अधिक बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गए हैं, जिसका मुख्य कारण खुदरा निवेशकों की अभूतपूर्व आमद है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि डिलीवरी-टू-ट्रेडेड वॉल्यूम में उल्लेखनीय वृद्धि वाला यह रुझान और तेज़ होगा, क्योंकि घरों की बचत, खासकर SIPs के माध्यम से, भारतीय इक्विटी में अधिक निवेश कर रही है।