एसबीआई की एक शोध रिपोर्ट का अनुमान है कि भारत के चार नए श्रम संहिताओं के लागू होने से 77 लाख लोगों के लिए रोजगार पैदा हो सकता है और ₹75,000 करोड़ की खपत बढ़ सकती है। इन संहिताओं का उद्देश्य नियमों को सरल बनाना है, जिससे आशावादी परिदृश्यों में बेरोजगारी 1.9% तक कम हो सकती है और औपचारिकता दर में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। इस सुधार से व्यवसायों के लिए अनुपालन को सुव्यवस्थित करने की उम्मीद है।