इंडिया का IPO बाज़ार रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन ज़्यादातर पैसा कंपनियों को नहीं, बल्कि विक्रेताओं को जा रहा है। 2021-2025 के बीच IPOs के ज़रिए जुटाए गए 5.4 लाख करोड़ रुपये में से लगभग दो-तिहाई हिस्सा 'ऑफ़र फॉर सेल' (OFS) के ज़रिए निकला है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बाज़ार की परिपक्वता को दर्शाता है, क्योंकि शुरुआती निवेशक और प्रमोटर लाभ कमा रहे हैं और नई पीढ़ी की कंपनियों को कम पूंजी की आवश्यकता है। उनका तर्क है कि फ़ोकस कंपनी की गुणवत्ता और मूल्यांकन पर होना चाहिए।