भारत का इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) बाज़ार एक शानदार दिसंबर के लिए तैयार है, जिसमें लगभग 28 कंपनियाँ ₹48,000 करोड़ तक जुटा सकती हैं। यह तेज़ी 2025 को फंड जुटाने का सबसे बड़ा साल बना सकती है, जो ₹2 लाख करोड़ तक पहुँच सकता है। बाज़ार में घरेलू निवेशकों, प्राइवेट इक्विटी (PE), वेंचर कैपिटल (VC) फर्मों और फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPIs) की मज़बूत भागीदारी दिख रही है, जो युवा भारतीय कंपनियों के सार्वजनिक होने में विश्वास बढ़ा रही है।