भारतीय निवासियों ने सितंबर में लगभग 2.8 अरब डॉलर विदेश भेजे, जो पिछले 13 महीनों का उच्चतम स्तर है। यह मुख्य रूप से यात्रा पर बढ़ते खर्च के कारण हुआ है। यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जिसमें यात्रा अब विदेशी मुद्रा बहिर्वाह का प्रमुख साधन बन गई है। शिक्षा और रिश्तेदारों के भरण-पोषण के लिए भेजा जाने वाला धन कम हो गया है, लेकिन विदेशी इक्विटी और ऋण में निवेश दोगुना से अधिक हो गया है, जो वैश्विक बाजारों में बढ़ती रुचि का संकेत देता है। चालू वित्तीय वर्ष के लिए अब तक का बहिर्वाह पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ा कम है, लेकिन प्रेषण (remittances) की बदलती संरचना भारतीय उपभोक्ताओं और निवेशकों के व्यवहार में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।